कडाणा भूमि का मामला : निलंबित तहसीलदार, गिरदावर ओर पटवारी से जांच अधिकारी ने की पूछताछ
सागवाड़ा। कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि के नामांतरण खोले जाने के बाद रजिस्ट्री कर देने के प्रकरण के मामले में जाँच अब धीरे धीरे आगे बढ़ रही है। इस पूरे मामले में राजस्व विभाग के अधिकारियों के निलंबन के बाद डूंगरपुर कलेक्टर डॉक्टर इन्द्रजीत यादव ने डूंगरपुर जिला परिषद के सीईओ दीपेंद्र सिंह राठौड़ को जाँच अधिकारी नियुक्त किया था। 22 अगस्त को डूंगरपुर कलेक्टर ने इस मामले में सागवाडा तहसीलदार मयूर शर्मा, गिरदावर मुकेश भोई और गोवाङी पटवारी राकेश मीणा को निलंबित कर दिया था। निलंबन करने के बाद जाँच आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
इधर, डूंगरपुर सीईओ दीपेंद्र सिंह राठौड़ शनिवार को सागवाडा पहुँचे और अपनी जाँच शुरू की। जाँच अधिकारी दीपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि उन्होंने तहसीलदार, गिरदावर, पटवारी और इससे जुड़े अन्य कर्मचारियों से पूछताछ के साथ ही रिकॉर्ड संबंधी जानकारी ली है । उन्होंने बताया कि उन्होंने इस संबंध में कडाणा विभाग के अधिकारियों के पक्ष को भी जाना है और बयान लिए गए हैं साथ ही कडाणा विभाग से भी रिकॉर्ड लिया गया है। इस मामले में जो भी तथ्य उनके सामने आए हैं इसकी एक रिपोर्ट बनाकर जल्दी ही कलेक्टर को प्रस्तुत की जाएगी। इधर इस पूरे प्रकरण ज़मीन ख़रीदने वाले, बेचने वाले और गवाह पुलिस की पकड़ से दूर हैं जिससे इस पूरे मामले का ख़ुलासा नहीं हो पा रहा है कलेक्टर की ओर से की जा रही जाँच में सिर्फ़ तहसीलदार गिरदावर और पटवारी की भूमिका की जाँच हो पाएगी पुलिस की ओर से की जा रही जाँच आगे नहीं बढ़ने से मुख्य साजिशकर्ता अभी भी पकड़ से दूर हैं।