कडाणा की ज़मीन बेचने वाली नजमा और फातेमा को पुलिस ने पकड़ा - फ़र्ज़ी आदेश से कड़ाणा की भूमि का नामांतरण खोलने और रजिस्ट्री करने का मामला
16 अगस्त से फ़रार थी नजमा और फातेमा, ज़मीन ख़रीदने वाला हरिसिंह अब भी फ़रार
सागवाडा। कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम ही कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि को हड़पने का प्रयास करने के मामले में सागवाडा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। क़रीब एक महीने बाद अब तक फ़रार चल रही दोनों बहनों नजमा और फातेमा को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। दोनों बहनों को पुलिस ने सागवाडा में उनके निवास से गिरफ़्तार किया है। तहसीलदार मयूर शर्मा की ओर से एफ़आइआर दर्ज करने के बाद ज़मीन बेचने वाले, ख़रीदने वाले और गवाह फ़रार थे। तभी से पुलिस इनकी तफ़तीश में जुटी हुई थी जुटी हुई थी।
राजस्व विभाग के एक फ़र्ज़ी आदेश के चलते कडाणा विभाग की भूमि का न सिर्फ़ नामांतरण खोला गया बल्कि ठीक दूसरे दिन इसकी रजिस्ट्री भी कर दी गई। जब आदेश के फ़र्ज़ी होने की जानकारी मिली तो कलेक्टर के निर्देश पर सागवाडा तहसीलदार की ओर से नामांतरण निरस्त करने की कार्रवाई करते कूटरचित दस्तावेज से नामान्तरकरण एवं विकय विलेख पंजीबद्ध का मामला दर्ज कराया गया था जिसमें तहसीलदार मयूर शर्मा ने मामला दर्ज कराते हुए बताया था कि राजस्व विभाग की ओर से 16 अगस्त 2022 को अवगत कराया कि पूर्व में जारी विभाग का आदेश 16 जून, 2022 को विभाग की ओर से जारी नहीं किया गया है एवं न ही उस पर शासन उप सचिव के हस्ताक्षर है ।
इस मामले में सागवाड़ा निवासी नजमा पुत्री उमर खां घाची व फातेमा पुत्री उमर खां घाची एवं विक्रय विलेख 10 अगस्त के आधार पर आसपुर तहसील के रामा निवासी हरिसिंह पुत्र रामसिंह चौहान के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। तभी से इन सभी फ़रार लोगों की तलाश में पुलिस जुटी हुई थी। इस मामले में सागवाडा तहसीलदार, गिरदावर और गोवाङी पटवारी को निलंबित चल रहे है।