कडाणा की ज़मीन बेचने वाली दोनों बहनों को जेल, बिचोलियों से तीन दिन होगी पूछताछ
कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि की सौदेबाज़ी का मामला
सागवाडा। कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि की सौदेबाज़ी में भले ही भूमि बेचने वाले और बिचौलियों को पुलिस ने पकड़ लिया है लेकिन उनसे कुछ उगलवाने में पुलिस सफल नहीं हो पा रही है। यही कारण रहा कि दो दिन का पीसी रिमांड मिलने के बाद ज़मीन बेचने वाली दोनो ही बहनों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
इधर, पुलिस ने जमीन का सौदा कराने ।केबिचोलिया की भूमिका निभाने वाले फर्जी रजिस्ट्री के गवाह अमन नगर इंदिरा कॉलोनी निवासी मकबूल पुत्र सफी मोहम्मद शेख तथा लेनदेन में संलिप्त सहयोगी घांचीवाड़ा मसानिया तालाब निवासी हबीब पुत्र अब्दुल सत्तार घाची को भी न्यायालय में पेश किया। इस मामले में दोनों आरोपियों से पुछताछ के लिए पुलिस को तीन दिन पुलिस रिमांड मिला। कडाणा विभाग की बेशकीमती जमीन के कूटरचित दस्तावेज़ बनाकर ख़रीद फ़रोख़्त करने के मामले में अब भी पुलिस उन लोगों तक नहीं पहुँच पाई है जो पर्दे के पीछे हैं। पुलिस इसका मुख्य कारण यह बता रही है कि ज़मीन ख़रीदने वाला हरी से सब कुछ जानता है जो अभी तक उनकी पकड़ से बाहर है।
पुलिस निरीक्षक शैलेन्द्रसिंह चौहान ने बताया कि दो दिन के पुलिस रिमांड के बाद शुक्रवार को सागवाड़ा निवासी नजमा पुत्री उमर खां घाची, फातेमा पुत्री उमर खां घाची को न्यायालय में पेश किया। दोनों बहनों को मजिस्टे्रट ने न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया। थानाधिकारी चौहान ने बताया कि नजमा और फातेमा से पुछताछ की गई तो उन्होंने बताया कि वे ज्यादा कुछ नहीं जानती हैं। हरिसिंह जहां भी बुलाता था हम वहां पर जाते और जहां भी हस्ताक्षर करने का कहता वहां पर हस्ताक्षर कर देते थे।बिचोलिया की भूमिका निभाने वाले फर्जी रजिस्ट्री के गवाह मकबूल शेख जमीन दलाली का कार्य करता है तथा उसने पुछताछ में बताया कि दलाली के रूप में उसे पांच लाख रुपए मिले हैं। लेन देन में संलिप्त हबीब घांची जमीन बेचान करने वाली फातेमा का बेटा है तथा मसानिया तालाब पर बाल कटिंग का कार्य करता है। इस पूरे मामले में अब देखने वाली बात ये है कि ज़मीन ख़रीदने वाला हरिसिंह पुलिस की पकड़ में कब तक आता है। इसके साथ ही एक ओर दलाल जो कि इस रजिस्ट्री में दूसरा गवाही वो भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। इधर, तहसीलदार गिरदावर और पटवारी के खिलाफ़ की जा रही जाँच का निर्णय भी आना बाक़ी है।