डूंगरपुर ज़िले की राजनीति में सक्रियता से दूर रहेंगे खोडनिया
- मैसेज के माध्यम से दिया संदेश, कहाँ, अब मैं किसी पद पर नहीं हूं, पार्टी ने ओर सरकार ने अब ज़िले की कांग्रेस चलाने ओर कार्यकर्ताओं के काम करने की ज़िम्मेदारी जिन्हें दी है वो निभाएँ
जिले के तमाम वरिष्ठजनों, जन प्रतिनिधियों, अग्रिम संगठनों के पदाधिकारियों व सम्मानित साथियों
सादर नमस्कार
पार्टी आलाकमान द्वारा संगठन में मुझे 1985 से ज़िला Nsui ज़िला युवक कोंग्रेस व 2016 में ज़िला कोंग्रेस का ज़िला अध्यक्ष बना कर पार्टी का काम करने का मौका दिया।
जब 2016 में मुझे ज़िला कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया तब जिले के चारों विधायक भाजपा के थे, सांसद भाजपा के थे, केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकारें थी। उस समय भी आप सबके सहयोग से पार्टी का जो आदेश मिला चाहे विपक्ष के ख़िलाफ़ आंदोलन हो, राहुल जी की सागवाड़ा व बेणेश्वर में ऐतिहासिक सभा हो, दिल्ली जयपुर की रोलियाँ हो, सब तरह के चुनाव हो उन सब में मेरे में जितनी क्षमता थी आप सबके सहयोग से पार्टी का काम करने की कोशिश की।
इतनी बड़ी पार्टी है, 36 कौन के कार्यकर्ता है, अलग अलग क्षेत्र की भावनाएँ होती है । सबकी महत्वाकांक्षायें होती है, जिन्हें पूरा करना सबके लिए सम्भव नहीं होता है। जिससे मतभेद भी होते है लेकिन मुझे स्वयं इस बात का गर्व है कि मेने पार्टी के ज़िला अध्यक्ष की गरिमा के अनुरूप कभी मर्यादा नही तोड़ी। पूरे कार्यकाल में मतभेद के चलते कईयों ने पार्टी के मतभेदों को सार्वजनिक तोर पर मीडिया में छपवाया, प्रेसवार्त कर आम जनता के बीच घर के झगडो को बेवजह उजागर किया। लेकिन मेने कभी कोई प्रेस वार्ता कर मीडिया में कोई बात नही रखी न जीवन में किसी नेता या कार्यकर्ता की कोई शिकायत आलाकमान के सामने की।
हाँ ज़िले के तमाम कार्यकर्ताओं को एक साथ अशोक गहलोत जी, अविनाश पांडे जी, अजय माकन जी, गोविंद सिंह जी डोटासरा से मिलवाने बार बार ले कर गया हूँ।
पिछले विधान सभा चुनाव से पहले पूरे ज़िले में आदिवासी समाज के चिंतन शिविरों से माहोल बन गया था की अब आदिवासी युवा परिवर्तन चाहता है । नए नेतृत्व को Mla MP बनाना चाहता है । मेने भी यहाँ के माहोल के हिसाब से आलाकमान को अवगत कराया की आदिवासी युवाओं को मोका देना चाहिए तो मात्र डूंगरपुर में गणेश घोग़रा जी को युवा कोटे से टिकिट मिला ओर वो जीते। अन्य तीन विधान सभाओं में आदिवासी युवाओं ओर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावना के ख़िलाफ़ निर्णय हुए तो जनता ने भी अपना निर्णय दे दिया।
पिछले डेढ़ साल पहले कांग्रेस की सरकार गिराने के षड्यंत्र के समय पूरे राजस्थान के ज़िला अध्यक्ष को हटा दिया गया था उसी समय मेने पार्टी अध्यक्ष जी को सार्वजनिक निवेदन कर दिया था की मुझे पार्टी ने ज़िले के सर्वोच पद पर एक बार सम्मान दे दिया है, अब ज़िला अध्यक्ष बनने का मोका अन्य कार्यकर्ता को मिलना चाहिए ओर में इस बात पर आज तक क़ायम हूँ। संगठन चुनाव में भी मेने पार्टी आलाकमान से आग्रह कर दिया था की मैं पार्टी में बिना किसी पद के काम करूँगा। PCC मेम्बर भी नही बनाने का निवेदन किया था। आप सबको आश्वस्त करता हूँ कि अब जो भी ज़िला अध्यक्ष बने उनके साथ पार्टी जो काम कहेगी में करूँगा पर पद नहीं माँगूँगा। नए लोगों को मोका मिलना चाहिए।
पिछले साढ़े तीन साल में मेने डूंगरपुर या चोरासी विधान सभा क्षेत्र में एक अधिकारी या कर्मचारी का ट्रान्सफर नहीं करवाया है । ओर आप सब जानते हैं में ट्रान्सफर की राज नीति से हमेशा दूर रहा हूँ ।
अब मैं किसी पद पर नहीं हूं, पार्टी ने ओर सरकार ने अब ज़िले की कांग्रेस चलाने ओर कार्यकर्ताओं के काम करने की ज़िम्मेदारी राज्य मंत्री का दर्जा प्रदान कर डॉ. शंकर यादव जी, प्रदेश युवक काम अध्यक्ष गणेश जी घोघा, AICC के पूर्व राष्ट्रीय सचिव pro ताराचंद जी भगोरा व तीन बार उप ज़िला प्रमुख रहे एर्गो बोर्ड के बोर्ड ओफ़ डायरेक्टर प्रेम कुमार जी पाटीदार के कंधो पर रखी है। ये चारों समनानिय नेता अनुभवी है, वरिष्ठ है, पार्टी ने इनको ज़िम्मेदार पदों से नवाज़ा है। इसलिए में ज़िले के एक एक कांग्रेस जन से आग्रह करता हूँ की आप अपने गाँव के विकास के लिए ट्रान्सफर के लिए, संगठन में पद लेने की लिए सार्वजनिक व व्यक्तिगत कार्यों के लिए इन चारों नेताओ से सम्पर्क करे। वो हमेशा आपके कामों के लिए तत्पर रहेंगे। आगे भी आपकी भावना के अनुरूप वो आपको निश्चित रूप से संतुष्ट करेंगे क्योंकि पार्टी व सरकार जिनको ज़िम्मेदार पदों पर बिठाती हैं उनकी सिफ़ारिश पर ही काम होते हैं।
मैं अब ज़िले की राजनीति में सक्रिय नही रहूँगा लेकिन आप सबके लिए मेरा सागवाडा कांग्रेस कार्यालय जो कांग्रेस का राज रहा हो या नहीं रहा हो पिछले 25 वर्षों से 24 घंटे आम कार्यकर्ता व आम जनता के लिए खुला रहा है ओर आगे भी आपके लिए हमेशा खुला रहेगा।
सादर
दिनेश खोड़निया
पार्टी कार्यकर्ता