गोवाड़ी में भागवत कथा का समापन आज : प्रसाद का कभी अपमान नहीं करना चाहिए, चरणामृत भगवान का आशीर्वाद है
सागवाड़ा। भगवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को कहा कि तुम्हारे सभी विरोधी मेरे द्वारा मरे हुए है तुम्हे तो सिर्फ तीर चलाने है। यह बात गोवाड़ी में चल रही भागवत कथा के छठे दिन गो भक्त संत रघुवीरदास महाराज ने धर्म सभा में कही। उन्होंने कहा कि सभी कार्य ईश्वर की मर्जी से होते है, हम तो सिर्फ निमित्त मात्र है। इसलिए जीवन में कभी भी मैंने ये किया, मैंने वो किया इस तरह का भाव नहीं रखना चाहिए। महाराज ने हर कार्य में श्रद्धा और भक्ति का भाव रखते हुए कार्य करने की बात कही। महाराज ने कहा कि भगवान के प्रसाद का अपमान भगवान के अपमान के समान है। इसलिए प्रसाद का कभी अपमान नहीं करना चाहिए और चरणामृत भगवान का वो आशीर्वाद है जिससे व्यक्ति की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती और जटिल रोग भी दूर हो जाते है। उन्होंने कहा कि रोजाना शालिग्राम भगवान की पूजा कर चरणामृत लेने वाले व्यक्ति का धरती पर पुनर्जन्म नहीं होता और वह मोक्ष प्राप्त करता है।
कथा के दौरान झूला मां मुरली वागी रे... सहित कई भजनों की मन मोहक प्रस्तुति पर पांडाल उपस्थित भक्ति रस में झूम उठी। कथा के प्रारंभ में यजमान कमलेश शर्मा परिवार द्वारा पोथी पूजन कर महाराज का स्वागत किया गया। वही कथा के अंत में आरती उतार कर प्रसाद वितरण किया गया। सोमवार की कथा में कई महिला पुरुषो ने भाग लिया। कथा से पूर्व पंडित दिव्यांक भट्ट के आचार्यत्व में विधि विधान से विष्णु याग हुआ जिसमें यजमान परिवार व परिजनों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ आहुतियां दी गई। भट्ट ने बताया की विष्णु याग की 14 फरवरी को पूर्णाहुति होगी वही 14 फरवरी को गंगोध्यापन भी होगा।