पटवारी परीक्षा- पहली पारी की परीक्षा में ही डूंगरपुर में डमी केंडिडेट पकड़ा, डेढ़ लाख में हुआ था सौदा

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– जोधपुर, भरतपुर में पेपर के साथ 15 हिरासत में, 8 डमी कैंडिडेट पकड़ में आए

बीकानेर, डूंगरपुर, बारां, भरतपुर, जोधपुर, जयपुर में डमी कैंडिडेट बनकर व ब्लूटूथ से नकल कराते हुए पकड़े गए हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई कार्रवाई में 15 लोगों को पेपर बेचते हुए पकड़ा गया।

इनमें 5 जोधपुर से थे और 10 भरतपुर के। इसके अलावा परीक्षा में डमी कैंडिडेट भी पकड़ में आए हैं। इनमें 8 फर्जी कैंडिडेट को पकड़ उनसे पूछताछ की जा रही है।

डूंगरपुर। जिले में रीट परीक्षा के बाद अब पटवारी परीक्षा में डमी केंडिडेट बैठाने का मामला सामने आया।  पहली पारी की परीक्षा शुरू होने से कुछ समय पहले ही परीक्षा केंद्र पर पंहुचे परीक्षार्थी की जांच के दौरान ही पुलिस और केंद्राध्यक्ष को संदेह हो गया, जब परीक्षा पूरी हुई और बाहर निकला तो उसे पकड़कर पूछताछ की गई, जिसमें युवक ने डेढ़ लाख रुपये में डमी केंडिडेट के रूप में परीक्षा देने की बात कबूल कर ली। परीक्षा केन्द्र गुरुकूल आर्टस कॉलेज डूंगरपूर में अशोक सारण उर्फ असू पिता केशाराम पिताझालाराम बिश्नोई नहडा थाना रोहट जिला पाली  को भरत सिंह मुनीया सज्जनगढ जिसके

रोल न. 3142971 की जगह परीक्षा देने आये को गिरफ्तार किया। दरअसल, पटवार भर्ती परीक्षा के तहत शनिवार को पहले चरण का पेपर आयोजित किया गया। बोरी स्थित गुरुकुल कॉलेज परीक्षा केंद्र पर परीक्षा शुरू होने के आखरी समय पर एक परीक्षार्थी पंहुचा। इस दौरान परीक्षार्थी के प्रवेश पत्र व आईडी कार्ड मांगे गए, जिस पर परीक्षार्थी के बताए आईडी कार्ड व प्रवेश पत्र के फोटो में फर्क दिखने लगा। पुलिस के पूछने पर आईडी कार्ड में पुराना फोटो बताकर टाल दिया, लेकिन बोलचाल की भाषा मे संदेह होने पर उस पर निगरानी शुरू कर दी। परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष में बैठाने बाद गुरुकुल कॉलेज प्रबंधक ने मामले की सूचना पुलिस को दे दी।

परीक्षा सम्पन्न होने के बाद साढ़े 11 बजे परीक्षार्थी बाहर निकलते ही पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उससे पूछताछ की तो वह पहले पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ करने पर डमी केंडिडेट के रूप में परीक्षा देने की बात कबूल कर ली। इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।   कड़े गए डमी केंडिडेट का नाम अशोक कुमार निवासी पाली का बताया जा रहा है जो भरतसिंह मुनिया  की जगह पर डमी केंडिडेट के रूप में परीक्षा देने आया था।

अभियुक्त अशोक सारण ने पुछताछ में बताया कि की

उदयपुर में उसके मामा सोनाराम का लडका दिनेश जो जीओ फाईबर की लाईने लगाता है।

जो देबारी में किराये के कमरे में रहता जिसके पास में आता जाता रहता था। कुछ दिनों पहले

भरत सिंह मूनिया व एक अन्य व्यक्ति उदयपूर देबारी में जान-पहचान हुई थी। फिर उन्होंने

पटवारी परीक्षा का फॉर्म भरने व तैयारी करने कि बात कही थी। जिस पर मेने पटवारी परीक्षा में

पास कराने  का वादा किया एवं डेढ़ लाख रुपये कि बात हुई। दोनों अभ्यर्थी परीक्षा की आंसर

सिट का मिलान कर 150 से ज्यादा अंक आयेंगे तो दोंनों के डेढ – डेढ लाख रुपये देंगे। तो मैने हां कर के परीक्षा देने डूंगरपुर आया और प्रथम पारी की परीक्षा देने के बाद दूसरी पारी में परीक्षा देने वाला था।

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