आदिवासी क्षेत्र में लॉ कॉलेज की घोषणा के बाद भी बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं, आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों का इंतजार बढ़ा
डूंगरपुर। जिले में कानूनी शिक्षा की चाह रखने वाले डूंगरपुर समेत आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों का इंतजार बढ़ता जा रहा है। 2 साल पहले डूंगरपुर में लॉ कॉलेज की घोषणा के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता नहीं मिलने के चलते अब तक कॉलेज शुरू नहीं हो सका है। आदिवासी इलाके में वकालत की पढ़ाई को लेकर युवाओं की दिलचस्पी को देखते हुए राज्य सरकार ने 2019 के बजट घोषणा में डूंगरपुर में लॉ कॉलेज की घोषणा की थी ।
इसके बाद सरकार ने प्रदेश के सभी 6 लॉ कॉलेज के साथ डूंगरपुर लॉ कॉलेज के लिए 6 करोड़ रुपये की मंजूरी भी दे दी। वहीं लॉ कॉलेज संचालन की जिम्मेदारी डूंगरपुर के एसबीपी कॉलेज को दी गई। इस पर एसबीपी कॉलेज प्रबंधन ने कॉलेज चलाने के लिए वैकल्पिक भवन भी देख लिया। लेकिन इसके बाद लॉ कॉलेज की मान्यता को लेकर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज की मंजूरी नहीं दी और यहीं कॉलेज अटक गया। इसके बाद से अब तक कॉलेज शुरू नहीं हो सका है। ऐसी स्थिति में लॉ की पढ़ाई की चाह रखने वाले विद्यार्थियों को बार काउंसिल की मान्यता के साथ ही कॉलेज खुलने का इंतजार करना पड़ेगा।
नोडल प्रभारी व एसबीपी कॉलेज के प्राचार्य डीके मीणा ने बताया कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता के लिए कई बार पत्र व्यवहार किया गया लेकिन अभी तक मान्यता नहीं मिली है। उन्होंने बताया की बार काउंसिल ऑफ इंडिया से आये जवाब में बताया की दो साल से बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से नई मान्यता नहीं दी जा रही है।