आयुर्वेद चिकित्सकों के एक दल ने गुजरात राज्य की सीमा से सटे हिडीम्ब वन क्षेत्र का भ्रमण किया
डूंगरपुर जिले के आयुर्वेद चिकित्सकों के एक दल ने आज गुजरात राज्य की सीमा से सटे हिडीम्ब वन क्षेत्र का भ्रमण किया और आयुर्वेदिक औषधीय वनस्पतियों की तलाश की | इसके तहत परिक्षेत्र में बहुतायत मात्रा में उपलब्ध वनौषधियो की खोज, पहचान एवं उपयोगिता जानने के प्रयास किये। कार्यक्रम प्रभारी व संभागीय समन्वयक डॉ. अभयसिंह मालिवाड ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण कार्यक्रम में 25 चिकित्सकों का दल बनाकर उपनिदेशक डॉ प्रदीप उपाध्याय के नेतृत्व में भादर नदी के तटीय क्षेत्र से गुजरात के आलदरी माता धोध, बाकोर -पाण्डरवाडा से कलेश्वरी मंदिर तक भ्रमण किया। उन्होंने बताया कि हिडिम्बा वन क्षेत्र के नाम से प्रख्यात इस क्षेत्र में कुटज, चक्रमर्द, अर्जुन, शाल्मली, मौलश्री, पलाश, शरपुंखा, भृंगराज, लटजीरा, बला, ढाक, धोक, पुनर्नवा, कंटकारी, रक्त रोधी, वन तुलसी, वन पलाण्डू, अश्वगंधा, निर्गुण्डी जैसी औषधीयां दिखाई दी।
विभाग के द्रव्यगुण विशेषज्ञ और संभागीय अतिरिक्त निदेशक आयुर्वेद डा महेशदत्त दाधीच ने उन औषधियों की जानकारी देते हुए विविध रोगो में उनकी उपयोगिता की जानकारी देते हुए औषधियों के निर्माण की प्रक्रिया को समझाया।