14 माह के मासूम को परिजनों ने भोपे से गर्म सलाखों से डाम लगवाये,तबियत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती
डूंगरपुर ।। आदिवासी अंचल डूंगरपुर जिले के रागेला गाँव में एक 14 माह के मासूम को परिजनों द्वारा भोपे से गर्म सलाखों से डाम लगवाने का मामला सामने आया है | तबियत बिगड़ने पर 14 माह के मासूम को परिजनों ने अब जिला अस्पताल में भर्ती करवाया है |
मामले के अनुसार डूंगरपुर जिले के रागेला गांव निवासी 14 माह के मेहूल के पिता विक्रम गुजरात में काम करते हैं और मासूम भी अपने माता-पिता के साथ ही गुजरात में था। इस दौरान वह खाट पर से नीचे गिर गया और मासूम के शरीर मे अकड़न आ गई तो परिजन उसे अपने गांव रागेला लेकर आ गए। इसके बाद परिजन अंधविश्वास के चक्कर में मासूम मेहुल को भोपे के पास ले गए, जहां भोपे ने मासूम को गर्म सलाखें से पेट पर दो बार दाग दिया। इस दौरान मासूम चीखता-चिल्लाता रहा लेकिन न तो परिजनों ने उसकी चीख-पुकार की परवाह की ओर न ही भोपे को मासूम पर दया आई। डाम के कारण दर्द से कराहता रहा पर परिजन उसे घर लेकर चले गए। करीब 8 दिनों तक मासूम को घर पर तड़पता रहने देने के बाद जब उसकी तबियत ज्यादा खराब हो गई तो परिजन उसे डूंगरपुर जिला अस्पताल लेकर पंहुचे, जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव यादव ने उसकी जांच की ओर मासूम का इलाज शुरू कर दिया। इसके बाद अब मासूम की तबियत ठीक है।इधर इस मौके पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गौरव यादव ने कहा कि माता-पिता मासूम के साथ ऐसी हरकत नहीं करें। डाम लगाने से बच्चे की तबियत ठीक होने की बजाय ज्यादा खराब हो सकती है। इसलिए बच्चों को किसी भी तरह की तकलीफ होने पर तुरंत ही पास के किसी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाएं, जिससे बच्चे को समय पर इलाज मिलने से राहत मिलेगी। डॉक्टर ने लोगों से भोपे या डाम के अंधविश्वास में नहीं पड़ने की भी अपील की है।
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