सीमलवाड़ा || भाजपा से निष्काषित डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा के बीटीपी में शामिल होने व उनके द्वारा दिए एक बयान पर बीटीपी में गतिरोध बढ़ गया है | इसी गतिरोध के चलते बीटीपी के एक ब्लोक अध्यक्ष व पंचायतीराज के 5 जनप्रतिनिधियों ने सोश्यल मीडिया पर अपने बयान जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है | मामले के अनुसार बीटीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डूंगरपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक व भाजपा से निष्काषित देवेन्द्र कटारा को डूंगरपुर के स्थानीय बीटीपी नेताओं की बिना रायशुमारी के पार्टी में शामिल करते हुए बीटीपी का प्रदेश प्रवक्ता बनाया था | जिसके बाद से डूंगरपुर स्थानीय बीटीपी के नेताओ में नाराजगी थी | वही इसके बाद हाल ही में बीटीपी में शामिल हुए पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा ने अपने एक बयान में कहा की भारतीय ट्राइबल पार्टी सामाजिक जन जागरण का आधार रहे आदिवासी परिवार का हिस्सा नहीं है | जिससे भी बीटीपी के नेताओं में नराजगी थी | इसी नाराजगी के चलते जिला परिषद सदस्य माया कलासुआ,पार्वती डोडा, सागवाडा पंचायत समिति सदस्य योगेश खांट, गलियाकोट पंचायत समिति सदस्य संजय डामोर, सीमलवाडा पंचायत समिति सदस्य मुकेश डामोर और बिछीवाडा ब्लोक के अध्यक्ष धुलेश्वर वरहात ने सोश्यल मीडिया पर अपने-अपने अलग-अलग वीडियो जारी करते हुए बीटीपी से अपना नाता तोड़ लिया है | जारी वीडियो में पूर्व विधायक देवेन्द्र कटारा को गलत तरीके से पार्टी में शामिल करने व उनके दिए गए बयान का हवाला देते हुए सभी ने कहा की वे बता देना चाहते है की वे आदिवासी परिवार की देन है ना की भारतीय ट्राइबल पार्टी की | उन्होंने कहा की वे राजनैतिक उद्देश्य से इकट्ठा नहीं हुए है बल्कि सामजिक अस्मिता कायम रखने के लिए जनजागरण कर रहे है | उन्होंने कहा की हम भारतीय ट्राइबल पार्टी को निश्चित शर्तो पर मतलब लीज पर लाये थे | लेकिन वर्तमान में भारतीय ट्राइबल पार्टी आदिवासी समाज पर अपना नियंत्रण जमाना चाहती है जो उन्हें स्वीकार नहीं है | जिसके चलते वे भारतीय ट्राइबल पार्टी से अपना सम्बन्ध तोड़ रहे है |