गोविंद गुरु ने जीवन पर्यन्त आदिवासी समाज के उत्थान में बिताया

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चौरासी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया केंद्रीय कार्यालय मुंबई के तत्वाधान में सतर्कता जागरूकता अभियान कार्यक्रम अंतर्गत ग्राम सभा का आयोजन किया गया।  उदयपुर हैड ऑफिस के मुख्य प्रबंधक सतर्कता प्रवीण पारीक ने बताया कि केंद्रीय कार्यालय मुंबई के आदेशानुसार शुक्रवार  को वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूनी मगरी धाम बांसिया परिसर में सतर्कता जागरूकता अभियान अंतर्गत ग्राम सभा का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में गोविंद गुरु वंशज गिरवर गिरी महाराज, अजमल गिरी एवं नारायण गिरी का शॉल ओढ़ाकर, श्रीफल भेंटकर सम्मान किया गया।  यूनियन बैंक ऑफ बड़ौदा के  मुंबई से सहायक महाप्रबंधक सचिन देव, क्षत्रिय उप महाप्रबंधक उदयपुर सारंग झंझाड़ के अलावा कार्यक्रम में , सरपंच सूरज देवी डोडियार, पंचायत समिति सदस्य विमल प्रकाश डोडियार,आईएफडबल्यूजे पत्रकार संघ जिला अध्यक्ष गुणवंत कलाल का आतिथ्य रहा। 
कार्यक्रम के दौरान बांसवाड़ा से सतीश आचार्य की टीम द्वारा गोविंद गुरु की जीवनी पर एक नाटक मंचन का भी आयोजन किया गया। नाटक मंचन में गोविंद गुरु का जन्म से लेकर आदिवासी समाज के हितों को लेकर जागरूकता, भक्ति आंदोलन, मानगढ़ धाम की शहादत पर प्रकाश डाला। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ  गोविंद गुरु द्वारा गाया  लोकप्रिय भजन "ने मानू रे भुरेटिया" प्रस्तुत किया गया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से आयोजित सतर्कता जागरूकता अभियान कार्यक्रम की रूपरेखा जानकारी प्रवीण पारीक ने दी। 
मुंबई से सहायक महाप्रबंधक सचिन देव ने वित्तीय समावेशन की जानकारी देते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रति वर्ष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मोत्सव से संबंधित सप्ताह को सतर्कता जागरूकता सप्ताह के रूप में मनाया जा जाता है जिसमें भ्रष्टाचार मुक्त भारत की रूपरेखा  को वास्तविक पटल पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। भारत सरकार का उद्देश्य भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाना है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों से अपील की कि भारत सरकार की भ्रष्टाचार मुक्त भारत की संकल्पना को सार्थक करने में अपना योगदान करें, ईमानदार बने, ना रिश्वत दे, ना रिश्वत ले। गोविंद गुरु भारत के एक सामाजिक और धार्मिक सुधारक थे, जिन्होंने राजस्थान और गुजरात के आदिवासी बहुल सीमावर्ती क्षेत्रों में भगत आंदोलन चलाया। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि उन्होंने ना तो किसी स्कूल, कॉलेज में शिक्षा ली थी और ना ही किसी सैन्य  संस्थान में प्रशिक्षण पाया था । अंग्रेजी हुकूमत के दिनों में और अशिक्षा और अभावों के बीच अज्ञान के अंधकार में जीवन यापन करते आदिवासी अंचल के निवासियों को धार्मिक चेतना की चिंगारी से आजादी की अलख जगाने का काम गोविंद गुरु महाराज ने किया। उनके द्वारा स्थापित संप सभा द्वारा उन्होंने आदिवासी अंचल के निवासियों का जीवनोद्धार किया तथा अंग्रेजों के अत्याचार से आदिवासियों की रक्षा का कार्य किया। संचालन डूंगरपुर शाखा प्रबंधक कपिल गुप्ता एवं आभार उदयपुर से  सारंग झंझाड़ ने जताया। 
कार्यक्रम में प्रताप बंजारा, भानु प्रताप पारगी, हक्सी डोडियार, जयंती लाल कलाल, कन्हैया लाल बंजारा, रमण लाल डामोर, भीखा लाल बारिया, दिनेश कलाल, राजेंद्र बंजारा, दशरथ बंजारा, जगदीश बंजारा, अत्तर सिंह, हरिशंकर शर्मा, रवि खटीक, जितेंद्र दर्जी, हेमंत कलाल, बंशीलाल रावल, मगन लाल यादव, योगेश कलाल, दिलीप डोडियार सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। 
कार्यक्रम के पश्चात सरपंच सूरज देवी डोडियार, पंचायत समिति सदस्य सहित ग्रामीणों ने यूनियन बैंक ऑफ बड़ौदा के  मुंबई से सहायक महाप्रबंधक सचिन देव, क्षत्रिय उप महाप्रबंधक उदयपुर सारंग झंझाड़ को ज्ञापन सौंप कर गांव में बैंक शाखा खोलने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत बांसिया जोकि 10 - 12 ग्राम पंचायतों का केंद्र है। किसी भी बैंक की शाखा नहीं होने पर ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है। दोनों अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों तक सकारात्मक बात पहुंचाने का आश्वस्त किया।

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