- पूर्व सांसद भगोरा के जन्मदिन और नववर्ष पर आयोजित हुआ सम्मेलन, कांग्रेस के एक गुट पर पार्टी को कमजोर करने के आरोप लगाए
- सम्मेलन में उमड़े कार्यकर्ता, उदयपुर संभाग से आदिवासी नेता को ही राज्यसभा में भेजने की मांग
डूंगरपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व सचिव एवं पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा के जन्मदिन तथा नववर्ष के उपलक्ष्य में शनिवार को सीमलवाड़ा में कार्यकर्ता स्नेह मिलन सम्मेलन आयोजित हुआ। मंच से कांग्रेस वक्ताओं ने खुब आक्रोश उगला। सम्मेलन में जिले में नेतृत्व कर रहे एक गुट के खिलाफ खुब व्यंग्य बाण चलाएं गए। सम्मेलन के वक्ताओं ने एक स्वर में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा को राज्यसभा भेजने और आगामी चुनाव में विधायक बनाकर जयपुर भेजने की मांग उठाई। जानबुझकर एक गुट विशेष ने भगोरा को कमजोर करने का प्रयास किया है। कांग्रेस का नेतृत्व ताराचंद भगोरा ही करें, तभी इस क्षेत्र में पार्टी पुर्नजीवित हो सकेगी। वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से हम पुछेंगे कि एक व्यक्ति को उदयपुर संभाग का मुख्यमंत्री क्यों बना डाला है। आज पार्टी का आम कार्यकर्ता उनके कांचवाले कार्यालय में जाने से कतराता है। वल्लभनगर और धरियावाद सीट जीताने के दावे करने वाले डूंगरपुर जिले की तीन विधानसभाएं क्यों नहीं जीता पाएं। कांग्रेस का आम कार्यकर्ता जिला प्रमुख-प्रधान चुनाव में हुए कमल-कांग्रेस के समझौते को नहीं स्वीकार नहीं कर पा रहा है। गांधी की विचारधारा गोड़से की विचारधारा से कैसे मेल खा सकती है।
सम्मेलन को कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने संबोधित किया और कहा कि कोरोना और मोदी दोनों देश के लिए खतरनाक है। जनता भाजपा और मोदी के बहकावे में नहीं आएं। मीणा ने कहा कि अच्छे दिनों का वादा कर सत्ता में आएं लोगों अच्छे दिन तो आएं ही नहीं, अब पुराने दिन ही लौटा दों। पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने संबोधित करते हुए कहा कि पंचायती राज चुनाव में जो कुछ हुआ, शर्मनाक है। डूंगरपुर कांग्रेस ने जो समझौता किया उसके चर्चे कलकत्ता और बंगाल तक है। भगोरा ने कहा कि भाजपा आज कांग्रेस के विकास पर अंगुली उठा रही है। देश के विकास को बेच देने वाली भाजपा का एजेंडा ही जाति-धर्म और मजहब के नाम पर राजनीति रहा है। हितेश पाटीदार वांदरवेड़ ने कहा कि पाड़वा गांव में पाटीदार समाज के मंच से मर्यादा में रहने और मर्यादा नहीं चुकने की नसीहत देने वाले स्वयं मर्यादा में रहना सीखे। पाटीदार ने बिना नाम लिए कहा कि पाटीदार समाज के कार्यक्रम में मर्यादा की बात करने वाले किसे सीख दे रहे थे। हम भगोरा के नेतृत्व में पार्टी का काम करेंगे, कल को हमारे साथ कुछ हो तो भी हम डरने वालों में नहीं है।
पूर्व ब्लाक अध्यक्ष नागेंद्र सिंह ठाकरड़ा ने कहा कि पंचायती राज चुनाव के तहत हुए जिला प्रमुख-प्रधान चुनाव में जो कुछ हुआ, कांग्रेस के लिए ठीक नहीं है। कुछ लोगों ने मिलकर कांग्रेस की संस्कृति ही बदल डाली। कांग्रेस और भाजपा के बीच समझौता हो गया। भाजपा की जिला प्रमुख और प्रधान बिठा दिए। उन्होंने कहा कि यह समझौता कांग्रेस को ताकत नहीं दे सकता। आगामी चुनाव ताराचंद भगोरा के नेतृत्व में लड़ा जाएं। भगोरा को राज्यसभा भेजा जाएं और विधानसभा चुनाव में जयपुर भेजकर मंत्री बनाया जाएं तभी कांग्रेस मजबूत होगी। नागेंद्र सिंह ने कहा कि उदयपुर संभाग से आदिवासी नेता ही राज्यसभा में भेजा जाएं तभी कांग्रेस को जीवनदान मिलेगा। वालजी पाटीदार लीलवासा ने कहा कि जिले के एक या दो नेता ही पार्टी को खत्म करने का प्रयास कर रहे है। कुछ लोग तो मान रहे है कि वे ही नेता है। पाटीदार ने कहा कि ताराचंद भगोरा ने ३६ कौम के भले के लिए काम किया। उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस पार्टी खड़ी हो सकती है।
कपिल भट्ट ने कहा कि कांग्रेस का आम कार्यकर्ता आज हताश है। मुख्यमंत्री ही बताएं कि क्यों एक व्यक्ति को उदयपुर संभाग का मुख्यमंत्री बनाकर बैठा दिया है। जिनकी नैतिकता नहीं है और जिनका चरित्र नहीं है, ऐसे व्यक्तियों में हम कतई समर्थन नहीं देंगे। पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा सभी को साथ लेकर चल रहे है, हम उनके नेतृत्व में काम करेंगे। पंचायती राज में सबकुछ बेच दिया और समझौता कर दिया। आज हमारा प्रधान और प्रमुख नहीं है। आम कार्यकर्ता भटक रहा है। सभी जानते है कि डूंगरपुर कांग्रेस की स्थिति बूरी करने में किसका हाथ है। कार्यकर्ता और जनता जिले और संभाग की राजनीति को समझ रही है। क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री को समझ में नहीं आ रहा कि एक आदमी जिसे संभाग का मुख्यमंत्री बनाकर बैठा दिया है, उसने संभाग को तहस-नहस कर दिया।
एडवोकेट बालगोविंद पाटीदार ने कहा कि पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा वागड़ के लोगों के दिलों में है। उन्होंने विकास के लिए काम किया और लोगों के दिलों मेें जगह बनाई।
पूर्व पालिकाध्यक्ष पवन गोवाडिय़ा ने कहा कि ताराचंद भगोरा सर्वमान्य नेता है। सभी वर्गो को साथ लेकर भगोरा जी ने राजनीति की है। कांग्रेस का आम कार्यकर्ता भगोरा के नेतृत्व में ही काम कर सकता है।
एडवोकेट लालशंकर पाटीदार ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में गांधी की विचारधारा का गोडसे की विचारधारा से मेल करवा दिया। यह समझौता कांग्रेस के कार्यकर्ता को मंजूर नहीं है। यह बात सीएम तक पहुंचाई जाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेता है जो दूसरे विधानसभा क्षेत्र में चुनाव जीता सकते है, लेकिन डूंगरपुर में चुनाव नहीं जीता सकते। कांग्रेस कार्यकर्ता उनके कांचवाले कार्यालय में जाने से कतराता है।
पूर्व प्रधान और एआईसीसी महिला विंग की विधि कार्डिनेटर एडवोकेट निमिषा भगोरा ने कहा कि पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा तीन दशक से राजनीति में है। आज वे पद पर नहीं है, लेकिन जनता के बीच है। आज भी वे मोबाईल पर जनता के दर्द में शामिल होते है।