अंतर्राष्ट्रीय महिला कृषक दिवस आयोजित
गणेशपुर
कृषि विज्ञान केंद्र फलोज और अंतरराष्ट्रीय कृषक महिला दिवस मनाया गया इस कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ सी एम बलाई ने बताया कि वर्तमान समय में महिलाओं में शिक्षा का स्तर बढ़ा है महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है और कृषि के साथ-साथ अन्य सभी क्षेत्रों में महिलाएं आगे नजर आ रही है महिलाओं के प्रमुख कार्य क्षेत्र जैसे कृषि पशुपालन उधानिक और कुटीर उद्योग खाद पदार्थों का प्रशासन सिक्षा स्वास्थ्य स्वयं सहायता समूह इत्यादि में महिलाओं का देश के विकास में विशेष योगदान रहा है।
डॉक्टर बलाई ने कृषक महिलाओं को बताया कि पिछले कुछ समय से रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशको के अंधाधुन एवं असंतुलित प्रयोग का प्रभाव मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर स्पष्ट दिखाई देने लगा है रासायनिक उर्वरक एवं कीटनाशको का भूमि में प्रयोग भूमि को मृत माध्यम मानकर किया गया है हत्या भूमि के स्वास्थ्य की रक्षा करके खेती की ऐसी प्रणाली अपनाएं जिससे भूमि को एक जीवित सजीव माध्यम माना जाए क्योंकि मृदा में असंख्य सूक्ष्म जीव रहते हैं जो की एक दूसरे के पूरक तो होते ही हैं साथ में पौधों की बढ़वार हेतु पोषक तत्व भी उपलब्ध करवाते हैं जैविक खेती पद्धति में उपलब्ध अन्य कृषक हितेषी जीवो के मध्य सामंजस्य रखकर पर्यावरण का बचाव करते हुए खेती करना है मिट्टी पौधों में वृद्धि एवं विकास का माध्यम है पौधों के समुचित विकास एवं फसल उत्पादन के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज खाद एवं उर्वरक होना नितांत आवश्यक है साथ ही जिले में जनजाति परिवारों के कुपोषण को कम करके समन्वित कृषि प्रणाली में पोषण सुरक्षा के साथ-साथ आजीविका हेतु उन्नत सब्जी एवं फलदार पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया
पौध संरक्षण वैज्ञानिक डॉक्टर बी एल रोकने जैविक खेती के बारे में जानकारी दें इस कार्यक्रम में गांव रणसागर सुलई किस पर जनजाति महिला कृषकों ने भाग लिया कार्यक्रम के अंत में सभी महिलाओं को जनजाति उपयोजना के तहत दुधारू पशु हेतु खनिज लवण मिश्रण एवं अभी तक इस रेड लेडी 786 के पौधे निशुल्क दिए गए