अनन्त चतुर्दशी का व्रत कल्याणकारी- ब्रह्मऋषि विद्याशंकर* व्यास आश्रम दामड़ी में हुए विविध अनुष्ठान
दोवड़ा।। अनन्त चतुर्दशी का व्रत फलदायी व कल्याणकारी है जिसे करने वाला व्रती भगवान विष्णु को प्राप्त कर लेता है यह उदगार व्यास आश्रम दामड़ी में आज 19 सितम्बर को अनन्त चतुर्दशी पर श्रद्धालुओं को अपने सम्बोधन में व्यक्त किए।
उन्होंने व्रत की विधि को विस्तार से बताते हुए कहा कि इस दिन श्री हरि की पूजा करके तथा अपने हाथ के ऊपरी भाग में या गले में धागा बाँधकर या लटका कर व्रती अनन्त व्रत करता है भगवान श्री कृष्ण का कथन है कि \’अनन्त\’ उनके रूपों का एक रूप है और वे काल हैं, जिसे अनन्त कहा जाता है। अनन्त व्रत चन्दन, धूप, पुष्प, नैवेद्य के उपचारों के साथ किया जाता है। इस व्रत के विषय में अन्य बातों के लिए ऐसा आया है कि यदि यह व्रत 14 वर्षों तक किया जाय तो व्रती विष्णु लोक की प्राप्ति कर सकता है।
उन्होंने कहा कि असीमित विश्व ब्रह्मांड के अनन्त स्वरूप के बारे में सोचकर आधुनिक महान वैज्ञानिक भी हतप्रभ रह गए है।
ब्रह्मऋषि व्यास ने कहा कि मन मे कभी लोभ नही रखे लोभ का त्याग करें हर किसी का भला करें, मदद करे जिससे अनावृष्टि, अतिवृष्टि व महामारियों का कभी सामना नही करना पड़े।