दोवड़ा।। जिले के हथाई ग्राम पंचायत में भगवान मुनिसुव्रत नाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र में चातुर्मास के तहत विराजित आचार्य शांतिसागर महाराज(छाणी) परम्परा के षष्ठम पट्टाचार्य 108 श्री समता सागर जी महाराज द्वारा केशलोच का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। संघस्थ ब्रह्मचारिणी मीना दीदी द्वारा मंत्रोच्चारण एवम् मंगलाचरण किया गया। धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य ने कहा कि केशलोचन साधु का सबसे बड़ा तप होता है और अपने शरीर से ममत्व को त्यागने का प्रतीक होता है। मनुष्य मात्र को तन मन और धन से त्याग की भावना रखनी चाहिए और अपने शरीर को तपाना चाहिए जैसे सोने को तपाने से कुंदन बनता है वैसे ही यह आत्मा भी मोक्ष रूपी कुंदन को प्राप्त करेगी।कार्यक्रम में हथाई समाज के सभी पंच महानुभाव महिला मंडल एवं युवा परिषद् के सदस्यों ने धर्म लाभ लिया।
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