कृषि विज्ञान केंद्र फलोज द्वारा खूदरा उर्वरक विक्रेता परीक्षणँ 15 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स का ऑनलाइन समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया जिस के मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक कृषि जयपुर डॉक्टर रामगोपाल शर्मा एवं अध्यक्षता डॉक्टर एस एल मुंदडा निदेशक प्रसार शिक्षा निदेशालय महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर ने की कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ सी एम बलाई वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी कृषि विज्ञान केंद्र डूंगरपुर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए 15 दिवसीय प्रशिक्षण की संक्षिप्त रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए सभी परीक्षार्थियों को प्रशिक्षण में प्राप्त तकनीकी ज्ञान का जिले के कृषकों तक पहुंचाने 1 योजक कड़ी के रूप में कार्य करने हेतु प्रेरित किया इस कार्यक्रम में मृदा स्वास्थ्य सुधार एवं फसल पोषण में मिट्टी परीक्षण का महत्व पोषक तत्वों की दक्षता बढ़ाने हेतु खाद्य एवं उर्वरकों का मिलाजुला प्रयोग एवं फसल प्रणाली में दलहनी फसलों के समावेश से लाभ विषय पर कृषको को जानकारी दी
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संयुक्त निदेशक कृषि जयपुर डॉक्टर राम गोपाल शर्मा ने कृषि आदान संतुलित उर्वरक उपयोग एवं ग्राम सेवा सहकारी समिति के माध्यम से कृषको के आधार लिंक करने एवं कस्टम हायरिंग सेंटर स्थापित करने का सुझाव दिया
निदेशक डॉक्टर मुंद्डा ने अपने उद्बोधन में प्रशिक्षणार्थियों से आह्वान किया कि वह सच्ची निष्ठा से अपने व्यवसाय के साथ कृषको को सही सुझाव देकर उर्वरक बीज पेस्टिसाइड इत्यादि के सही मात्रा में खेतों में उपयोग करने हेतु सहायता कर अपनी ग्राम सेवा सहकारी समिति की साख को बनाए, साथ ही कृषकों को कृषि की नवीन तकनीकी जानकारी के लिए कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक से संपर्क करने में मदद करें तथा कृषकों की आमदनी दुगनी करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के लिए प्रेरित किया
इस प्रशिक्षण में डॉ दिलीप सिंह राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर उर्वरक उपयोग दक्षता बढ़ाने के उपाय सुझाव एवं प्रति हेक्टर उर्वरक उपयोग की गणना करने के तरीके बताते हुए अपना ज्ञान बढ़ाकर किसानों को खेतों में उर्वरकों के संतुलित मात्रा में उपयोग करने पर बल दिया
डॉ एसके शर्मा ने बताया कि डूंगरपुर को राजस्थान के पहले पूर्ण कार्बनिक कृषि जिले के रूप में पहचान मिली है उन्होंने डूंगरपुर में आर्गन फार्मिंग की और आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया इस प्रकरण में डॉ हरी मीणा मृदा विज्ञान विभाग राजस्थान कृषि महाविद्यालय उदयपुर ने उर्वरकों में अपमिश्रण की जांच के तरीके बताते हुए कृषकों को गुणवत्ता युक्त पूर्वक उपलब्ध करवाने हेतु जानकारी दी डॉक्टर एलएन महावर एवं डॉ कौशिक प्रोफेसर ने बूंद बूंद सिंचाई फर्टिगेशन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रशिक्षणार्थियों को ज्ञान वर्धन किया डॉक्टर एल एल एन पवार ने सौर ऊर्जा बायोगैस के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में बताया मौसम वैज्ञानिक डॉ ज्ञान प्रकाश नारोलिया ने कृषि विषम ऐप के बारे में जानकारी देते हुए कृषि मौसम सेवा इकाई की गतिविधियों के बारे में बताया
इस प्रशिक्षण में जिले के केंद्रीय सरकारी बैंक डूंगरपुर के अधीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों के 35 व्यवस्थापक ने भाग लिया सभी परीक्षार्थियों को अतिथियों द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किए गए प्रशिक्षण समन्वयक डॉक्टर बी एल रोत ने बताया कि परीक्षार्थियों को सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक जानकारी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक एवं राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा प्रदान की गई कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर लतिका व्यास एवं आभार डॉक्टर बी एल रोत ने व्यक्त किए