मसालों की खुशबू से महकेगा डूंगरपुर
राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र अजमेर द्वारा अनुसूचित जनजाति परियोजना के अंतर्गत एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि विज्ञान केंद्र फलोज़,डूंगरपुर में आयोजित किया गया इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान 13 विभिन्न गांव से आए हुए 70 अनुसूचित जनजाति के कृषकों ने भाग लिया। कार्यक्रम राज्य सरकार के कोरोना दिशानिर्देशों के अनुसार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान किसानों को बीजीय मसाला फसलो और रबी के मौसम में लगाई जाने वाली फसलों के बारे में जानकारी दी गई ।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र अजमेर के वैज्ञानिक डॉ आर डी मीणा ने प्रशिक्षण के दौरान फसलों को रोगों से मुक्त करने के लिए विभिन्न जैविक तरीके बताएं । डॉ संजय कुमार ने बीजीय मसालों के बीजों की उचित गुणवत्ता एवं उनके रखरखाव पर चर्चा की । वैज्ञानिक डॉ चेतन कुमार जांगिड़ ने मिट्टी की उर्वरता उर्वरता बनाए रखने केंचुये की खाद (वर्मी कंपोस्ट) बनाने की सर्वोत्तम वैज्ञानिक विधियों का व्याख्यान किया । कृषि विज्ञान केंद्र डूंगरपुर के वैज्ञानिक डॉ बी.एल. रोत ने बीजीय मसाला फसलों के संरक्षण पर बल दिया तथा किसानों को कृषि में नवाचार को शामिल करने के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम में किसानों को वर्मी कंपोस्ट पिट, मेथी का उन्नत बीज, ट्राइकोडरमा कल्चर तथा प्रमाण पत्र भी निशुल्क वितरण किया गया।