31 वर्षीय गो पर्यावरण एवम आध्यत्म चेतना पदयात्रा
दोवड़ा।। गो भैरव उपासक संत श्री परम साध्वी चारु दीदी का रथ का पुनाली में आगमन हुआ,ग्रामीणों द्वारा भव्य स्वागत किया गया वही बड़ी संख्या में महिलाएं बच्चे एकत्रित होकर प्रवचन का लाभ लिया साध्वी ने बताया कि 31 वर्षीय गो पर्यावरण एवं आध्यत्म चेतना पदयात्रा का आगाज आज से साढ़े आठ वर्ष पूर्व 4 दिसम्बर 2012 से हल्दी घाटी से पूरे राजस्थान में आरम्भ हुआ चारु दीदी ने बताया कि आध्यात्मिकता मे लोगो की रुचि का कम होना मानवजाति के लिए खतरा बताया ,उन्होंने कहा कि पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य गो माता का रक्षण करना है मानवजाति के गोमाता से होने वाले कल्याण की जानकारी दी वही गोमाता के कंडो व गो मूत्र की उपयोगिता को बताया ,पदयात्रा 77 हजार किलोमीटर पार कर राजस्थान के अंतिम पड़ाव में है वही आगे पदयात्रा गुजरात के लिए प्रस्थान कर पूरे भारत मे भृमण कर गोमाता का उद्देश्य के लिए जनजागरण किया जायेगा साध्वी ने आदिवासी समाज का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी आदिवासी समाज के घर मे गोमाता मौजूद हैं आदिवासी समाज के घूंघट प्रथा व परिधान के बारे में बताया आदिवासी समाज की एकता व वनवासी लोगो के बीच कथा का जिक्र किया जिसमें बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।