"देखन आवे दूर - दूर से,ऐसा गांव बनाना है"- सरसंघचालक 

On

डूंगरपुर। अखिल भारतीय प्रभात ग्राम मिलन के उद्घाटन में पूज्य श्री बापू दलसुखदास जी महाराज संंजेली धाम ने कहा कि हमारा हिंदू धर्म सृष्टि की उत्पति के समय से है, 33 कोटि देवता हैं। जिनको जिसकी पूजा करनी है करे, जिसको भी जिसे भी मानना है , मान सकता है पर यह निश्चित है कि हम सब हिंदू ही हैं ।

उन्होने कहा मैकाले ने ऐसी शिक्षा योजना बनाई कि आज मनुष्य मशीन जैसे बन गए हैं। हमारी संस्कृति को हर जगह तोड़ने के प्रयास हुए हैं । डा० दिनेशचन्द्र ने कहा हम पाँच वर्ष पूर्व ऐसी प्रभात ग्राम कार्यशाला में बेतूल मिले थे। हर 5 वर्ष में हम अपने कार्यों की समीक्षा के लिए इसी तरह मिलते हैं । प्रांत प्रचारक विजयानंद  ने भी इस सत्र में अपने विचार रखे।

IMG-20230226-WA0077

अखिल भारतीय प्रभात ग्राम मिलन में संघ रचना के 41 प्रांतों से 46 मातृशक्ति सहित 464 प्रतिभागी उपस्थित हैं। देशभर से आए प्रतिभागियों का आवास भेमई सहित आसपास के ग्राम जैसे घाटा का गांव, चीतरी, सेमलिया घाटा आदि में किया गया है । लगभग 150- 150 प्रतिभागी सभी गाँवों में हैं। सभी मातृशक्ति एवं ग्राम विकास अधिकारियों का निवास भेमई गांव में ही रखा गया है ।

IMG-20230226-WA0072

 राजस्थान क्षेत्र के ग्राम विकास के 30 गाँवों से 60 कार्यकर्ता इस कार्यशाला में उपस्थित हैं। मालवा प्रांत से सर्वाधिक 49 प्रतिभागी हैं। सभी प्रांत के ग्राम संयोजकों ने अपने-अपने प्रांत के प्रभात ग्राम के शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार, स्वावलम्बन, समरसता, सुरक्षा, कृषि व पर्यावरण आदि बिन्दुओं पर कार्य एवं कार्यक्रमों की जानकारी सभी के समक्ष रखी। संघ के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत ने सभी की जानकारी को ध्यानपूर्वक सुना। ग्राम विकास के कार्य को नियमित करने से निश्चित ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे ।

IMG-20230226-WA0074

कार्यशाला में संघ के अखिल भारतीय अधिकारी उपस्थित हैं जिनमें सर्व श्री भगैय्या  (अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य),स्वांतरंजन 
  (अ. भा. बौध्दिक प्रमुख ), दिनेश कुमार (अ. भा. ग्राम विकास संयोजक), आ. गुरूराज जी (अ. भा. ग्राम विकास सह संयोजक ), आ. गुणाकर (अक्षय कृषि परिवार ), आ. मनोज भाई सोलंकी , सिद्दीनाथ जी (केन्द्रीय टोली ) मिलिन्द जी (ग्राम संकुल)

IMG-20230226-WA0075

आज सम्पन्न कुल चार सत्रों में , आयाम के अनुसार सत्र विभिन्न पंडाल में हुआ जिनके नाम क्रमशः गोविंद गुरु,संत मावजी , संत सती सूरमाल दास ,वीर कालीबाई आदि राजस्थान के संतों के नाम से रखे गए हैं ।
प्रभात ग्रामों के की डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है , जिसके प्रसारण के लिए भी एक पांडाल तैयार किया गया है । 24 की रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बारां के सहरिया जनजाति का लोक नृत्य, गोविंद गुरु पर एक नाटिका और रामदेव जी महाराज के भजनों की प्रस्तुति भी हुई ।

Join Wagad Sandesh WhatsApp Group

Advertisement

Related Posts

Latest News

डूंगरपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों की समीक्षा बैठक संपन्न डूंगरपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों की समीक्षा बैठक संपन्न
डूंगरपुर। डूंगरपुर जिले में स्वतंत्रता दिवस समारोह को सफलतापूर्वक और सुनियोजित तरीके से आयोजित करने के उद्देश्य से जिला कलक्टर...

Advertisement

आज का ई - पेपर पढ़े

Advertisement

Advertisement

Contact Us

Latest News

Advertisement

वागड़ संदेश TV