राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र
सागवाड़ा राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, शिक्षा व कार्मिक विभाग सचिव को पत्र लिखकर विभागीय त्रुटियों के कारण वेतन विसंगतियों से उपजी परिस्थितियों से प्रभावित शिक्षकों को प्रतिमाह हो रहे आर्थिक नुकसान से निजात दिलाने की मांग की है l प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ ऋषिन चौबीसा, जिला अध्यक्ष बलवंत बामणिया व जिला मंत्री कन्हैया लाल व्यास ने बताया कि शिक्षा विभाग में 23000 पातेय वेतन उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों, प्रबोधकों,एक जुलाई 2013 से पूर्व प्रोबेशन अवधि पूर्ण कर चुके ट्रेनी टीचर तथा 2008 में नियुक्त कुछ शिक्षकों कों शिक्षा तथा लेखा अधिकारियों की त्रुटि के कारण गलत वेतन निर्धारण से खामियाजाना भुगतना पड़ रहा है l जिला संगठन मंत्री राजेंद्र वरहात, वर्षा बारिया,सभा अध्यक्ष वासुदेव रोत, रवि प्रताप पारगी,भारत सिंह राणावत ने कहा कि 2009-10 में करीब 23000 शिक्षकों को उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तत्कालीन वेतन पर प्रधानाध्यापक बनाया गया लेकिन 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी सेकंड ग्रेड में आगामी वरिष्ठता का लाभ नहीं दिया गया क्योंकि 2016 में उनके पद नाम और स्कूल बदल दिए गए और शाला दर्पण पर पोर्टल पर पातेय वेतन का विकल्प नहीं दिया गया l सेवाकाल में न्यूनतम 2 पदोन्नतियाँ देना शिक्षा संहिता एजुकेशन कोड आरएसआर में होने के बावजूद पातेय वेतन पदोन्नति के 2016 में पदोन्नत हुए ऐसे शिक्षकों को बिना एक भी पदोन्नति के सेवा निवृत होना पड़ेगा जो नियमों का सरासर उल्लंघन है l जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेश डामोर, कोषाध्यक्ष भरत पाटीदार, अतिरिक्त जिला मंत्री कल्पेश मेहता,राजेंद्र सिंह चौहान, देवानंद उपाध्याय,दक्षा कलाल, मुकेश पाटीदार ने राज्य सरकार का ध्यान प्रदेश के 54000 प्रबोधक शिक्षकों के साथ हो रहे अन्याय पर दिलाते हुए कहा कि छठे वेतनमान के तहत 2007-8 में नियुक्त प्रबोधकों को लेखा अधिकारी ने वेतन 9300-34800 के तहत न्यूनतम वेतन 9300 की जगह वेतन श्रृंखला 5200 से 20200 के तहत 8750 की गणना करते हुए मूल वेतन 12900 की जगह 9170 कर दिया जिससे प्रबोधकों को प्रति माह 3 से 4000 का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है l
जिला कार्यकारिणी के दिनेश कुमार जैन, जगमोहन यादव,डाया लाल कलाल, राजेंद्र मीणा,शंकर लाल बुनकर, पवन पंड्या ने बताया कि यह वेतन विसंगति से अधिक लेखा अधिकारियों की चूक का प्रकरण बनता है जिस पर संगठन ने इसे दुरुस्त कराने बार-बार विभाग तथा सरकार का ध्यान आकृष्ट किया परंतु विभाग अपनी गलतियों को छुपाने राज्य सरकार के नवीनतम आदेशों के भी पालना नहीं कर रहा है l राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय संगठन ने शीघ्र समाधान नहीं होने पर जनप्रतिनिधियों को अवगत कराने तथा लोकतांत्रिक ढंग से प्रखर विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया है l