ओबरी। सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग सागवाड़ा के अन्तर्गत आने वाली आंतरी-अंबाडा, घाटा का गांव वाया ओबरी मुख्य सडक पर माही परियोजना विभाग की और से ओबरी के पशु चिकित्सालय के पास एवं अंबाडा डामरिया मोड़ पर भीखा भाई सागवाड़ा नहर निर्माण के लिए नहर पुलिया की स्वीकृति मिलने के बाद माही परियोजना विभाग ने पुल निर्माण तो करवा दिया, परन्तु निर्माण में कई अनियमितता के साथ पुल को सीधे बनाने की बजाय उसे यु आकर में पुल का निर्माण कर कई हादसों को न्यौता दे दिया है।
पुल का निर्माण ऐसे किया गया है की सामने आने वाले वाहनधारी एक दुसरे को तब तक नहीं देख सकते जब तक वह पुल पर चढ़ नहीं जाते, ऐसे में पुल से 10 फ ीट नीचे गिरने सहित कई हादसे का अंदेशा हो सकता है। जिसको लेकर पंचायत समिति सागवाड़ा की मासिक बैठक में पंचायत समिति सदस्य दुर्गा बामणीया एवं योगेश खांट ने पुल निर्माण से होने वाले हादसे को लेकर आवाज उठा कर आपत्ती दर्ज करवाई थी। परन्तु विभाग के कानों में जू तक नहीं रेंगी। दुसरी तरफ ओबरी क्षेत्र के कई ग्रामीणों ने मौके पर जा कर पुल निर्माण से होने वाले हादसों को लेकर एक स्वर में विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य मार्ग पर ओबरी तालाब से कबुतर घाटी तक हर बारिश के मौसम में किचड़ जमा रहता है। जिससे आने-जाने वाले वाहनों को काफ ी दिक्कतों का सामना करना पडता है। जिसके स्थाई समाधान के लिए ओबरी सरपंच शंकरलाल डामोर, अमृतलाल पटेल, भोपालसिंह, पहाड़सिंह, गजेन्द्रसिंह, हीरालाल पटेल, धनजी पाटीदार सहित कई ग्रामीणों सरकार एवं प्रशासन से मांग की।
सही पुल निर्माण से मिलेगा किचड छुटकारा
सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग सागवाड़ा के सहायक अभियंता रमेशचन्द्र पाटीदार ने पूर्व में माही परियोजना विभाग, उपखण्ड़ अधिकारी, तहसीलदार, अधिशाषी अभियन्ता सा.नि.विभाग सागवाड़ा को खत के माध्यम से अवगत भी करवाया गया था। पाटीदार ने माही परियोजना विभाग को खत में ओबरी से घाटा का गांव सडक़ पर पशुचिकित्सालय ओबरी के पास नहर पुल की स्लेब आपकी ड्राईंग अनुसार सडक़ से 2.50 मीटर उपर रहेगी। दोनो तरफ एप्रोच सडक़ का निर्माण भी माही परियोजना विभाग द्वारा करवाने एवं जिसका 1.30 से कम नहीं होने एवं दोनों तरफ रिटनिंग वॉल, रोड सरफेस पर 200 एमएम मौटाई में ग्रेवल कार्य, उस पर 5.5 मीटर चौडाई, एम-30 ग्रेड सीमेन्ट कंक्रीट का सीसी सडक़ और सुचना बोर्ड सहित कई कार्य के लिए बाध्य किया था। परन्तु विभाग ने नहीं काम को लेकर जिम्मेदारी दिखाई और ना ही पुल निर्माण में अपने कतव्र्य का निर्वहन किया।