प्रभुभक्ति कर व्यक्ति अपने जीवन मे पुण्योदय को प्राप्त करता है- आचार्य अनुभव सागर महाराज ,पालिकाध्यक्ष खोड़निया ने किया पाद प्रक्षालन
सागवाड़ा ।। ज्ञानामृत वर्षायोग के तहत दिगंबर जैन आचार्य अनुभव सागर महाराज ने जैन बोर्डिंग स्थित वात्सल्य सभागार में धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा है कि ज्ञान ,बुद्धि और विवेक भ्रष्ट तथा नष्ट हो सकते हैं मगर श्रद्धा कभी समाप्त नहीं हो सकती ।श्रद्धा के भावो से निश्चल प्रभुभक्ति कर व्यक्ति अपने जीवन मे पुण्योदय को प्राप्त करता है मगर पुण्य से मिले लाभ का कदाचित दुरुपयोग किये जाने पर पाप का भागीदार बनकर विनाशकारी परिणाम को भी भुगतता है ।उन्होंने कहा है कि पुण्य से पुण्य और पाप से पाप का उदय ही होता हैं इसलिए अपने कर्मों पर नियंत्रण के भाव रखना आवश्यक है । धर्मसभा से पूर्व आचार्य का पाद प्रक्षालन एवं जिनवाणी शास्त्र भेंट करने का लाभ पालिका चेयरमैन नरेन्द्र कुमार रतनलाल खोडनिया परिवार ने प्राप्त किया तथा संचालन चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष अश्विन बोबड़ा द्धारा किया गया ।