ओबरी। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय न सिर्फ ओबरी कस्बे बल्कि आस पास के करीब 20 गांवो के लिए शिक्षा का अहम केंद्र है। विगत कुछ वर्षों से स्कूल प्राचार्य एवं स्टाफ की सक्रियता से यह स्कूल प्रगति पथ पर अग्रसर है। स्कूल प्रशासन ने व्यक्तिगत रुचि लेकर कई विकास कार्य किए हैं। विद्यालय की सुरक्षा हेतु विद्यालयमद व जनसहयोग से लोहे के जंगले लगाए गए। विद्यालय की छत पर पानी के टपकने के कारण चाइना मेजिक कराया गया। प्राधानाचार्य कक्ष का विस्तार करते हुए आधुनिक सुविधा युक्त बनाया गया। मंत्रालयिक कक्ष का विस्तार करते हुए आधुनिक सुविधाओ से युक्त बनाया गया। वहीं बालिकाओं की संख्या को देखते हुए सुविधायुक्त शौचालय का निर्माण एवं सेनेटरी नेपकिन डिस्ट्रॉय कक्ष बनाया गया है। Oजिले के सर्वाधिक सीए ओबरी से
ओबरी में लगभग पांच स्कूल हैं जिनमें एक मुख्य सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल और अन्य कुछ सरकारी एवं कुछ निजी स्कूल आदि शामिल हैं। ओबरी की ज्यादातर आबादी शिक्षित है जिनमें से आधी आबादी स्नातक स्तर की शिक्षित है। स्कुल से डॉक्टर, सीए, इंजीनियर, वकील, कंप्यूटर इंजीनियर, पुलिसकर्मी आदि सहित कुछ लोगों के पास उच्च स्तर की शिक्षा है। ओबरी सीनियर स्कूल का कॉमर्स वर्ग कई वर्षों से रिकॉर्ड सौ प्रतिशत परिणाम दे रहा है। ओबरी में 20 सीए हैं जो डूंगरपुर में सबसे ज्यादा है। स्कुल से शिक्षित लोग देश विदेश में बडी कंपनीयों में कार्यरत हैए जो स्कुल सहित ओबरी की शोभा बढ़ा रहे है।
स्टाफ साथियों ने विद्यालय विकास में दिया सहयोग
स्थानीय विद्यालय में संस्थाप्रधान देवेंद्र कुमार जैन के विशेष मार्गदर्शन एवं प्रथम सहायक भंवरलाल कलाल, निलेश डामोर प्राध्यापक, वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के प्रेरणा स्वरूप विद्यालय के समग्र स्टाफ एवं पीईईओ क्षेत्र के विद्यालयों द्वारा भामाशाह के रूप में 3 लाख 32 हजार पांच सौ रूपए प्रदान किए है। उक्त राशि से प्रधानाचार्य कक्ष, कार्यालय कक्ष, स्टाफरूम का निर्माण कार्य कराकर विशेष भव्य स्वरूप प्रदान किया गया है। साथ ही बा बापू वाटिका एवं कृषि बागवानी का निर्माण कर उसमे विशेष फूलदार एवम फ लदार पौधे लगाए हैं, जो आर्कषण का केन्द्र बना हुआ है। राज्य सरकार की बजट घोषणा के अंतर्गत खेल मैदानों के निर्माण हेतु सागवाड़ा ब्लॉक में राउमावि ओबरी को खो खो, कबड्डी, बास्केटबॉल वॉलीबॉल, क्रिकेट पिच एवं 200 मीटर ट्रैक सहित टिनशेड डोम में वृहद स्टेज के निर्माण कार्य जारी ही। उपरोक्त मैदान शीघ्र ही पूर्ण करा कर राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक खेलों का भव्य आयोजन ग्राम पंचायत एवं पीईईओ विद्यालय ओबरी द्वारा किया जाएगा। ओबरी क्षेत्र के लिए इतने मैदानों का निर्माण एक मिसाल हैं। पीईइओ क्षेत्र के समस्त शिक्षको ने गोद योजना के तहत प्रति शिक्षक एक गरीब बालक को गोद लिया है।
सबसे पुराना विद्यालय जिसकी प्रारम्भिक शुरुआत सन 1920
स्कूल में वर्षो से कार्यरत और विकास कार्यों में गहरी रुचि लेने वाले शारीरिक शिक्षक बताते है कि जिले के सबसे बड़े मैदानों में एक होने के कारण इसे स्पोट्र्स स्कूल के रूप में विकसित करने की प्रबल संभावनाएं हैं। जिले का सबसे पुराना विद्यालय जिसकी प्रारम्भिक शुरुआत सन 1920 में बाल मन्दिर से हुई थी उसके बाद 1935 प्राथमिक से उच्च प्राथमिक के रूप में क्रमोन्नत हुआ। फिर 1964 में उच्च प्राथमिक से माध्यमिक में क्रमोन्नत हुआ और 1982 में माध्यमिक से उच्च माध्यमिक के रूप में क्रमोन्नत हुआ। प्रथम सहायक भवरलाल कलाल बताते है आज भी विद्यालय में 1000 के लगभग छात्र-छात्राओं का रोल है। करीब सौ वर्ष के इतिहास में पहली बार इस वर्ष विद्यालय में मिसाल पेश की और किसी नेता की बजाय चतुर्थ श्रेणी कार्मिक कचरा हरिजन ने ध्वजारोहण करवाया गया। इस दौरान क्षेत्र के किसी नेता या समाजसेवी को आयोजन का अध्यक्ष बनाकर उनसे झंडारोहण कराया जाता है।