भीलूड़ा मे 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान मुनि पूज्यसागर महाराज के सानिध्य में हो रहा है आयोजन
सागवाड़ा। दिगम्बर जैन मंदिर, भीलूड़ा में मुनि पूज्यसागर महाराज के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान भक्तिभाव से आयोजित हो रहा है। विधान के 11वें दिन सुबह 4 बजे 1008 भगवान के नामों के मंत्र की आहुति दी गई। उसके बाद मुनिश्री के सानिध्य में मूलनायक भगवान शान्तिनाथ भगवान व आदिनाथ भगवान का दूध,दही,लाल चंदन, सफेद चंदन,अनेक जड़ी बूटियों अभिषेक व शांतिधारा कर विधान की शुरुआत हुई। अभिषेक के बाद नव-देवता का पूजन हुआ और श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान और श्रीआदिनाथ भगवान की पूजा-अर्चना हुई। 56 प्रकार से बने नैवेद्य से भी पूजन किया गया।
पंडित धनपाल शाह, संगीतकार पिंटू भैया ने भक्तामर विधान की संगीतमय पूजा कराई। विधान में भक्तों ने 24 तीर्थंकर भगवान के यक्ष- यक्षणी को विधि विधान से अर्घ्य चढ़ाया। सौधर्म इन्द्र का लाभ संजय-प्रियंका सेठी किशनगढ़ को प्राप्त हुआ। विधान पर अर्घ्य समर्पण संघस्थ दीदी तुष्टि जैन ने किए। 64 चंवर के साथ श्रावक -श्राविकाओं ने नृत्य किया। धन, मान, सामना,विद्या प्राप्त की भावना से 6-36 नम्बर के काव्य की 56-56 अर्घ्यों के साथ विशेष आराधना की गई। भक्तामर विधान की आराधना करते हुए 48 अर्घ्य,श्रीफल,दीपक, नैवेद्य चढ़ाए गए। जलेबी, रबड़ी,खीर, पूड़ी,गुलाबजामुन,मिठाई,पेटे, सोनपापड़ी, तिल्ली के लड्डू, खोपरे की मठाई आदि पकवान चढ़ाए गए और दीपक,धूप, श्रीफल आदि साम्रगी से पूजन हुआ।
भक्तामर की महिमा
जैन ग्रंथों में भक्तामर की महिमा का वर्णन बताते हुए कहा गया कि राजा भोज ने आचार्य मानतुंग स्वामी को 48 तालों से बंद जेल में डाल दिया गया। आचार्य समता भाव से जेल में बैठे रहे। उन्होंने किसी प्रकार से संक्लेश नहीं करते हुए भगवान आदिनाथ की स्तुति करते हुए 48 काव्य की रचना की। जैसे- जैसे एक- एक काव्य की रचना हो रही थी, वैसे- वैसे एक- एक ताले टूटते चले गए। यह देखकर राजा भोज ने अधर्म, हिंसा को छोड़ धर्म,अहिंसा को स्वीकार करते हुए आचार्य मानतुंग से क्षमा मांगी। यह भक्तामर काव्य शारीरिक,मानसिक रोगों को नाश करता है। इस अवसर पर कांतिलाल भरड़ा, चेतनलाल भरड़ा, जयंतीलाल भरड़ा, रमणलाल टुकावत, ललित जैन धनपाल जैन, कमलेश टुकावत, शेलेन्द्र भरड़ा, जयवंत भरड़ा, जयन्त भरड़ा, भवेश जैन, अमित टुकावत ,अमित भरड़ा, सुशान्त जैन, दिलीप शाह , कमलेश शाह, विक्रान्त महिला मंडल युवा मंडल के लोग मौजूद थे।