डूंगरपुर ।।जिले के भीलूडा गांव में परंपरागत रूप से खेले जाने वाले शौर्य प्रदर्शन के खेल हरिया को सांकेतिक रूप से खेल कर इस परम्परा को निभाया गया। कोरोना महामारी को देखते हुये प्रशासन ने हरिया मेले पर रोक लगा रखी है। रविवार को रक्षाबंधन पर्व पर गाँव के प्रमुख लोगों ने इस प्रथा को कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुये सांकेतिक रूप से इस त्यौहार को मनाया। इस प्रथा को निभाते हुये आने वाले वर्ष के मौसम की भविष्यवाणी को किसान जानते है वही शाम को रघुनाथ मंदीर परिसर में सभी समाज के प्रतिनिधियों ने टी आकार का एक लकडी का हरिया बना कर मंदिर के परिसर में गाढा ओर उस टी आकार के हरिया की पुजा करते हुये। आने वाले वर्ष के लिए खुशहाली की कामना करते हुए उस टी आकर के हरिये पर पानी से भरे मिट्टी के कलशो को फोड़ा गया । उन कलशो के टुकडो को एकत्रित कर आने वाले वर्ष की भविष्यवाणी की जाती है । इस वर्ष की भविष्यवाणी के अनुसार प्रथम आषाढ़ के दस दिन सूखे दस दिन बरसात एवं शेष दस दिन सूखे रहेंगे। श्रावण में प्रथम पांच दिन बरसात की मध्य के 15 दिन सूखे एवं अंतिम दस दिन बरसात के रहेंगे। इसी तरह भाद्रपद में दस दिन सूखे मध्य के दस दिन बरसात के एवं अंतिम दस दिन सूखे रहेंगे। अश्विन मास में प्रथम पांच दिन सूखे शेष 25 दिन पूरे बरसात के रहेंगे। भविष्यवाणी के बाद आदिवासी बंरडा परीवार के सदस्य द्वारा हरिये के चारो ओर लोक नृत्य किया जाता है, लोक नृत्य के बाद उस गाढे हुए हरिया को निकाल कर बाजार के लक्ष्मीनारायण मंदीर के शिखर में गर्भगृह में विसर्जित किया जाता है। सैकडो वर्षो से चली आ रही इस परम्परा का इस बार कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए निर्वहन किया गया । इस अवसर पर कमलाशंकर जोशी, रमनलाल पाटीदार, पुरषोत्तम पंड्या, मांगीलाल भट्ट , सुरेश भट्ट, प्रताप पाटीदार,वासुदेव पाटीदार, कैलाश जोशी ,महेश पंचाल, रमेश पंचाल, नाथूलाल पाटीदार, दिनेश शर्मा सहीत सभी समाज मे प्रतिनिधि व कृषक मौजूद रहे।।
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