धर्म के प्रति आस्था मजबूरी नहीं बल्कि जीवन को मजबूती प्रदान करता है -- आचार्य सुंदर सागर जी महाराज
-सागवाड़ा में दिगंबर जैनाचार्य का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश
सागवाड़ा। आज पूरा विश्व भगवान महावीर स्वामी के द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों और जीवन शैली के प्रति पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ अपना जीवन व्यतीत करने को आतुर है। जिनशासन ने हमेशा सभी का भला करना ही सिखाया है। और यही बात सभी धर्म तथा संप्रदायो में भी मानी जाती है।सभी को जीने का अधिकार है, जियो और जीने दो एवं अहिंसा परमो धर्म यही जैन धर्म की मूल अवधारणा है। धर्म के प्रति आस्था और श्रद्धा मजबूरी के लिए नहीं बल्कि जीवन को मजबूती प्रदान करता है। यह उद्गागार आज शुक्रवार को जैन बोर्डिंग स्थित सभागार में चातुर्मास के लिए नगर में भव्य मंगल प्रवेश के बाद आयोजित धर्मसभा में सन्मति रत्न दिगंबर जैनाचार्य सुंदर सागर महाराज ने अपने मंगल प्रवचनओं में कही। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल जैसी आपदा ने पूरे विश्व को भगवान महावीर स्वामी के द्वारा निरूपित जीवन जीने की कला को बेहतर तरीके से समझा दिया है। उन्होंने कहा कि आज देश तथा राज्य की सरकारे भी स्वच्छता और स्वच्छ जल की ओर अपने कदम बढ़ाती जा रही है और आम जनता को जागरूक कर रही है।
सरकारों की मंशा प्रकृति के संरक्षण और आम जनजीवन की शैली में परिवर्तन लाने की इच्छा है और इसीलिए सरकारों द्वारा कई जन कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्होंने सकल जैन समाज के प्रति अपना आशीर्वाद देते हुए कहा है कि मंगल प्रवेश का यह पहला पेपर अच्छे नंबरों से पास तो कर लिया गया है लेकिन चातुर्मास के दौरान अभी पांच पेपर और बाकी है। धर्म और कर्म का दौर अब शुरू होगा। परीक्षा के घड़ी अभी बाकी है।
आचार्य के प्रवचन से पूर्व धर्म सभा को 18हजार दशा हुमड दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष श्री दिनेश खोड़निया ने संबोधित करते हुए कहा है कि बचपन से पचपन का हो गया हूं लेकिन सन्मति महाराज के प्रति इस नगर में निरंतर श्रद्धा और भक्ति को देखता आया हूं। ऐसा लगता है यहां पर सन्मति महाराज के भक्त दीवानों की तरह अपनी पूरी श्रद्धा रखते हैं और यही इस नगर का सौभाग्य है कि सन्मति सागर महाराज के रघुनंदन शिष्य आचार्य सुंदर सागर जी महाराज ससंघ का भव्य चातुर्मास होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जैन समाज विचलित नहीं प्रशन्नचित है कि इस नगर को संत सेवा का यह सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने इस दौरान संतो के आहार चर्या पर विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि समाज के हर घर को अपनी जिम्मेदारी का बेहतर तरीके से निर्वहन करना चाहिए।
इस अवसर पर उन्होंने संतो के आहार चर्या के लिए एक नवीन भवन निर्माण करके देने की घोषणा भी की है। प्रारंभ में मंच पर पूर्वांचार्यो के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया इस दौरान चतुर्मास कमेटी के अध्यक्ष पवन कुमार गोवाडिया, नगर पालिका अध्यक्ष नरेंद्र खोड़निया, समाज के सेठ महेश कुमार नौगमिया एवं समस्त ट्रस्टीगण , आचार्य आदिसागर अंकलीकर महिला जागृति मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेरणा शाह, महिला महासभा के अध्यक्ष साधना कोठारी सहित कई समाज जन उपस्थित रहे। कहीं पर आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कर शास्त्र भेंट किया गया। सभा का संचालन राजेंद्र पंचोली ने किया।