कडाणा की ज़मीन ख़रीदने वाले हरि सिंह को कोर्ट से मिली राहत, गिरफ़्तार नहीं करने के आदेश
सागवाडा थानाधिकारी के सामने पेश हुआ हरिसिंह, कहा मैंने तो वो ज़मीन ख़रीदी जिसका नामांतरण खोला गया था, मैं दोषी नहीं
सागवाडा। कडाणा विभाग की बेशक़ीमती भूमि के नामांतरण खोल कर रजिस्ट्री करने के मामले में शुक्रवार को नया मोड़ आया। ज़मीन ख़रीदने वाला हरिसिंह शुक्रवार शाम को सागवाडा थाना में पेश हुआ हालाँकि कोर्ट ने उसकी गिरफ़्तारी और पूछताछ पर रोक लगा रखी थी। इसके चलते हरिसिंह थानाधिकारी शैलेंद्र सिंह के समक्ष न्यायालय के आदेश पर पेश हुआ और अपनी बात रख कर रवाना हो गया। थाने से बाहर निकलते वक़्त हरि सिंह ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि जिस ज़मीन का नामांतरण खोल दिया गया था उसने तो वो ज़मीन ख़रीदी है। ऐसे में उसे उसे दोषी बताया जाना ग़लत है। हाईकोर्ट ने हरि सिंह की गिरफ़्तारी पर रोक लगा रखी है साथ ही अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी।
याचिकाकर्ता हरि सिंह के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि याचिकाकर्ता एक वास्तविक क्रेता है जिसने पंजीकृत बिक्री विलेख के माध्यम से भूमि खरीदी है और उसके प्रतिफल में उसने खाता प्राप्तकर्ता चेक के माध्यम से रु. 2,81,00,000/- का भुगतान किया है।इस प्रकार, उसके खिलाफ प्राथमिकी को आगे बढ़ाने के लिए कार्यवाही नहीं की जा सकती है।बहस के दौरान सामने आए तथ्यों पर न्यायालय को याचिकाकर्ता 30 सितंबर को जांच अधिकारी के सामने पेश होने के निर्देश दिये थे। साथ ही कोर्ट के आदेशानुसार जांच अधिकारी क़ानून के अनुसार मामले को देखेंगे और सुनवाई की अगली तारीख यानी 18 अक्तूबर को तथ्यात्मक रिपोर्ट भेजेंगे। उल्लेखनीय है कि कडाणा विभाग की ज़मीन के ख़रीद फ़रोख़्त के मामले में कूट रचित दस्तावेजों के माध्यम से भूमि हड़पने को लेकर सागवाडा थाने में एफ़आइआर दर्ज की गई थी। जिसमें ज़मीन बेचने वाली दोनों बहनें नजमा और फातेमा और हरि सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में अब तक नजमा वह फातेमा को पुलिस गिरफ़्तार कर चुकी है और पूछताछ के बाद दोनों ही जेल में हैं। साथ ही इस मामले में गवाह और एक बिचौलियों को भी पुलिस ने पकड़ा था जो भी जेल में है।