संतो व भक्तो ने स्वामी रामकिशोर महाराज की 29वीं निर्वाण तिथि हर्षोल्लास के साथ मनाई
रामकिशोर महाराज "सागवाडा को थाली का गाँव कहा करते थे"- संत रामप्रसाद
सागवाड़ा । जिले के सागवाड़ा में कान्हडदास धाम बडा रामद्वारा मे संत रामप्रसाद,संत केवलराम, संत धीरजराम ,संत ज्ञानीराम के सानिध्य मे स्वामी रामकिशोर महाराज की 29वीं निर्वाण तिथि हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम महाराज की छतरी पर उनकी चरणपादुका का पुजन व आरती संतो व श्रद्धालुओं द्वारा किया गया। महाराज की तस्वीर का भी पुजन कर माल्यापर्ण किया गया।
समिति के अध्यक्ष सुधीर वाडेल, प्रभुलाल वाडेल, सत्यनारायण सोनी, दिनेश शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, दामोदर दलाल ने संतो का स्वागत किया। संतधीरजराम ने कहा कि आज हम सब दिव्य महापुरुष की निर्वाण तिथि मनाने एकत्र हुए है और स्वामी रामकिशोर महाराज ने कुम्भ का मेला प्रारंभ करवाया एवं सम्प्रदाय को अन्तर्राष्ट्रीय बनाया। संत ज्ञानीराम ने कहा कि संसारी के चले जाने पर हम दुःख व्यक्त करते परंतु संत अपने मोक्ष की चिंता करता है। महाराज नित्य प्रति उनके जिह्वा पर राम नाम उच्चारण रहता था।
संत केवलराम ने संतो के महत्व के बारे मे बताया कि संत सहज सरल रहते है ऐसे ही रामकिशोर जी महाराज थे। प्रखर वक्ता संत रामप्रसाद ने बताया कि रामकिशोर महाराज "सागवाडा को थाली का गाँव कहा करते थे" जिसका अर्थ अपनी जेब का लड्डू होता है। संत ओर वृक्ष का जीवन परोपकार के लिए होता.है उन्होंने महाराज के जीवन की घटनाएं श्रवण कराई।
अन्त मे आरती उतारकर प्रसाद वितरण किया। इस अवसर पर अनिल वाडेल, भारत शर्मा,अशोक भट्ट, बलदेव सोमपुरा, हेमन्त सोमपुरा, हरीश गुप्ता,सुरेश ठाकुर, बापुलाल सेवक,विनोद कोठारी, देवीलाल सोनी,नाथु परमार,विष्णु भासरिया,मधु संचावत,मुकेश दलाल, अमित वाडेल,चाहत सोनी, मंगलेश वाडेल एवं मातृशक्ति उपस्थित रही।