नगर प्रवेश द्वार- व्यक्तिवाद और जातिवाद को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है
विभिन्न मांगों को लेकर एकलव्य भील सेवा संस्थान ने सौंपा ज्ञापन
सागवाड़ा। एकलव्य भील सेवा संस्थान ने मंगलवार को दो अलग-अलग मांगों को लेकर राज्यपाल महोदय, मुख्यमंत्री महोदय, जिला कलेक्टर महोदय, सांसद महोदय, विधायक महोदय सहित नगर पालिका अध्यक्ष महोदय के नाम उपखंड अधिकारी राजीव द्विवेदी को ज्ञापन सौंपा।
समाज के पूर्व अध्यक्ष पन्नालाल खांट व वर्तमान अध्यक्ष मोहनलाल भगोरा ने बताया कि नगर पालिका द्वारा हो रहे विकास कार्यों में समाज आपके साथ में है लेकिन गरीब आदिवासियों को अपनी पूश्तेनी जमीनों से बेदखल कर किए जा रहे विकास के सख्त विरोधी है। उन्होंने बताया कि नगर के चारों तरफ आदिवासियों की खातेदारी व कब्जे शूदा जमीन है जिस पर इनके पूर्वज बरसों से खेती करते आए हैं नगर के भोले भाले, अपनापन रखने वाले, मिलनसार गरीब और कम पढ़े लिखे लोगों को राजस्व नियम की जानकारी नहीं होने से नियमानुसार कागजी कार्रवाई नहीं कर सके हैं और अपनी कब्जे सुधा जमीन को खाते नहीं करवा सके हैं जिस को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका प्रशासन द्वारा इन गरीब लोगों को अपनी जमीनों से बेदखल करने की तैयारी कर रही है।
उन्होंने बताया कि अगर पालिका प्रशासन इन गरीब लोगों के पक्ष में बात नहीं करती है तो आने वाले समय में इन विकास कार्यों का पुरजोर विरोध किया जाएगा।
एक दूसरे ज्ञापन में उन्होंने बताया कि नगर में विकास को लेकर बनाए जा रहे हैं नगर प्रवेश द्वार जिसको भामाशाहओं के नाम करते हुए व्यक्तिवाद और जातिवाद को बढ़ावा देकर सामाजिक समरसता को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है जिसका आदिवासी समाज विरोध करता है।
ज्ञापन में बताया है कि पूर्व की पालिका बोर्ड ने नगर को बसाने वाले हागिया भील की प्रतिमा के साथ राणा पूंजा भील की प्रतिमाएं स्थापित करने का फैसला लिया था जिसका आज दिन तक कोई सुध नहीं ली गई है नगर के प्रवेश द्वारों पर भामाशाह के नाम लिखवा कर नगर के ऐतिहासिक अस्तित्व को खत्म करने की साजिश रची जा रही है जिसका समाज विरोध करता है। इस दौरान शंकरलाल अहारी, हीरालाल कटारा, राजू भागरिया, घटा भागरिया, मांगीलाल डामोर, बदामी लाल अहारी, नरेश अहारी, भवानी डेंडोर, दीपक डिंडोर, रमेश खाट व निशांत डेण्डोर मौजूद थे।