डूँगरपुर। स्मृति मंच डूँगरपुर ने संरक्षक गुरुप्रसाद पटेल के सानिध्य में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की 105 वी जन्मजयंती पर पंडित जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में सभी आगन्तुको का मंच अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने स्वागत उद्बोधन से संबोधित किया। मंच के सरक्षक गुरुप्रसाद पटेल ने पंडित जी के जीवन पर अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि पंडित जी का जन्म 25सितंबर 1916 को अपने नाना के यहाँ हुआ।उनका जीवन संघर्षमयी रहा।
बाल्यकाल में ही इनके नाना गुजर गए खुद ने संघर्ष कर शिक्षा ग्रहण की।पंडित जी जनसंघ के संस्थापक सदस्य थे।वे मानव सेवा के लिए सदैव तत्पर्य रहते तथा उनका एक ही मंत्र था कि समाज के निचले व्यक्ति की सेवा कर उसे ऊपर उठाना। महिलामंच की अध्यक्ष माया सुथार ने पंडित जी का जीवन परिचय देते हुए कहा कि पंडित जी हमारे आदर्श है उनके मार्गदर्शन को हमे आत्म साद करना होगा। मंच के प्रदेश संगठन मंत्री मुकेश श्रीमाल ने पंडित जी के एकात्म मानववाद के मूल दर्शन पर 12 सिद्धांत बताए जिसमे
1)भोग के स्थान पर त्याग
2)अधिकार के स्थान पर कर्तव्य,
3)संकुचित असहिष्णुता के स्थान पर विशाल एकात्मता,
4)हर व्यक्ति की सृजन शीलता का सम्मान
5)सांस्कृतिक सहिष्णुता एवम कर्तव्य प्रधान जीवन
6)हर खेत मे पानी हर हाथ को काम
7)वर्ग हीन, जातिहीन,एवम संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था
8)समाज कें निचले स्तर पर स्थित व्यक्ति के जीवन मे सुधार
9)जीवन के सांकृतिक मूल्यों की रक्षा
10)मानव जीवन का सम्पूर्ण विकास
11) भोजनका अधिकार जन्म से ही प्राप्त हो
12)आर्थिक विकास हो किन्तु प्रकृति की मर्यादा का उल्लंघन ना हो।
इन सिद्धांतो को आत्म साद कर मानव को जीवन जीने की आवश्यकता है। मंच की प्रदेश पदाधिकारी कुसुमलता दोषी,जिला पदाधिकारी भोपाल सिंह, आदर्श द्विवेदी,स्वाति पारिख, हार्दिक जैन, कश्मीरा जैन, चंद्रलेखा कलासुआ,रीटा कुंवर,नीलम श्रीमाल, पिंकी अग्रवाल,हर्षा कंसारा,अनिता सुथार,वनिता जोशी,अनिल सुथार,अशोक कालरा,रमेश वरियानी,सरजीत मिश्रा,दीपक पंचाल ,बसन्त कुमार सुथार ने कच्ची बस्ती मे बिस्केट व फल वितरित किये ततपश्चात गेपसागर में मछलियों को दाने डाले। महिला मंच की प्रदेश पदाधिकारी कुसुमलता दोषी ने आभार प्रकट किया।