परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने के फॉर्मूले की आड़ में भाजपा ने वसुंधरा खेमे को कमजोर करने का काम किया
– धरियावद से पूर्व विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा के बजाय खेतसिंह मीणा को टिकट दिया
उदयपुर। धरियावद से पूर्व विधायक गौतमलाल मीणा के पुत्र कन्हैयालाल मीणा के बजाय भाजपा ने खेतसिंह मीणा को टिकट दिया है। खेतसिंह अभी सरपंच है और संघ विचारधारा के माने जाते है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने के फॉर्मूले की आड़ में केंद्रीय नेतृत्व ने वसुंधरा राजे खेमे को कमजोर करने का काम किया है। गौतमलाल मीणा वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक थे। आमतौर पर किसी विधायक के निधन के बाद सहानुभूति लहर को देखते हुए उन्हीं के परिवार से टिकट मिलता है। सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद चुनाव में ऐसा ही हुआ था लेकिन धरियावद में भाजपा ने सब को चौका दिया।कन्हैया मीणा गुरुवार सुबह नामांकन भी भरने वाले थे। बुधवार रात केंद्रीय नेतृत्व से उनकी जगह खेतसिंह का नाम तय हो गया। इसी तरह वल्लभनगर में भी रणधीर सिंह भींडर को टिकट दिए जाने की बात उठी थी। रणधीर सिंह भींडर वसुंधरा के काफी करीबी हैं। पिछले दिनों दो बार भींडर वसुंधरा से मिल चुके हैं। ऐसे में यहां भी केंद्रीय नेतृत्व की चली और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी की पसंद से हिम्मत सिंह झाला को टिकट दिया गया।वल्लभनगर में बीजेपी से गुलाबचंद कटारिया उदयलाल डांगी को टिकट दिलाना चाहते थे, मगर ऐसा नहीं हुआ। हिम्मत सिंह झाला को टिकट मिला। हालांकि वल्लभनगर में बीजेपी ने बीच का रास्ता निकाला। कटारिया के पसंद के उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया तो उनके विरोधी रणधीर सिंह भींडर या उनके परिवार को भी टिकट नहीं दिया गया।