जयपुर ।।सीएम गहलोत रविवार को जयपुर से हैलिकॉप्टर के जरिए रवाना होकर पौने 12 बजे सागवाड़ा पहुंचकर पाटीदार सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन के जरिए गहलोत की रणनीति डूंगरपुर और बांसवाड़ा के पाटीदार समाज के जरिए गुजरात के पाटीदार समाज को साधने की है। डूंगरपुर के सागवाड़ा तहसील के ज्ञानपुर में 24 अप्रैल को गुजराती पाटीदार समाज के होने वाले महा सम्मेलन को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संबोधित करेंगे। इस महासम्मेलन में राजस्थान के साथ-साथ गुजरात के भी पाटीदार समाज के लोग बड़ी संख्या में शिरकत करने डूंगरपुर पर पहुंचे हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने दिया सीएम को टास्क
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस आलाकमान ने सीएम गहलोत को पाटीदार समाज को साधने का टास्क दिया है। गुजराती पाटीदार समाज डूंगरपुर बांसवाड़ा में खासा असर रखते हैं। यही वजह है कि गहलोत के आदिवासी अंचल के दौरे के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भी अगले महा आदिवासी अंचल का दौरा प्रस्तावित है।
बीटीपी के गढ़ में मुख्यमंत्री की सभा
डूंगरपुर के सागवाड़ा में गुजराती पाटीदार समाज का महासम्मेलन का आयोजन हो रहा है। सागवाड़ा भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) का गढ़ माना जाता है और सागवाड़ा में बीटीपी से विधायक है। ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पाटीदार समाज के महासम्मेलन के जरिए बीटीपी के गढ़ में भी सेंध लगाने का प्रयास करेंगे। आदिवासी अंचल की जो 16 सीटें एसटी वर्ग के लिए आरक्षित है उनमें बांसवाड़ा, बागीदौरा, गढ़, घाटोल, कुशलगढ़, आसपुर, डूंगरपुर, चौरासी, सागवाड़ा, प्रतापगढ़,धरियावद, गोगुंदा, खेरवाड़ा, सलूंबर और उदयपुर ग्रामीण है। आदिवासी अंचल के 4 जिलों बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, प्रतापगढ़ की 19 विधानसभा सीटों में से 16 सीटें आदिवासियों के लिए रिजर्व है। इनमें अकेले बांसवाड़ा डूंगरपुर और प्रतापगढ़ की सभी 11 सीटें एसटी वर्ग के लिए रिजर्व हैं। इसके अलावा उदयपुर जिले की 8 विधानसभा सीटों में से 4 सीटें एसटी वर्ग के लिए रिजर्व है। ऐसे में आदिवासी अंचल पर बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गजों की नजर बनी हुई है। दिलचस्प बात यह है कि आदिवासी अंचल की 19 सीटों में से 8 सीटों पर कांग्रेस और 8 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है जबकि 2 सीटें बीटीपी और एक सीट निर्दलीय के खाते में है