ओबरी। मुनि वैराग्यसागर एवं मुनि स्वयंभुसागर महाराज का कस्बे में मंगल प्रवेश पर श्रद्धालुओं ने कस्बे में जगह.जगह स्वागत द्वार लगाकर पुष्प वर्षा की एवं पादपक्षालन के साथ स्वागत में पलक पावड़े बिछाएं। समाज के अध्यक्ष धर्मीलाल गोदावत ने ओबरी जैन समाज की ओर से गुरूदेव के चरणों का दुध व जल से प्रथम पादपक्षालन कर अघ्र्य समर्पित किया। बस स्टेण्ड बाजार पर मुनि अनुसरणसागर और मुनि वैराग्यसागर एवं मुनि स्वयंभुसागर महाराज मिलन हुआ। इसके बाद संसघ की शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा नया बाजार, बस स्टेण्ड बाजार व पीपली चौक से होते हुए श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में पहुंची। यहां मुनियों के पावन सान्निध्य में श्रद्धालुओं ने भगवान आदिनाथ का पंचामृत अभिषेक कर पूजन किया। मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी कार्य में पूर्ण श्रद्धा हो तो कार्य अवश्य ही सफल होता है। भगवान की भक्ति भी पूरी श्रद्धा से करें तो अवश्य ही फल प्राप्त होता है। इधर, शाम चार बजे मुनि अनुसरणसागर का आंतरी के लिए विहार हुआ।